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हाई कोर्ट ने बिजली बोर्ड को लगाई जमकर फटकार, यह रही बड़ी वजह
शिमला। हिमाचल हाई कोर्ट ( Himachal High Court) ने बिजली बोर्ड द्वारा समय पर अपील दायर न करने पर कड़ी फटकार लगाते हुए जांच करने के आदेश दिए हैं ।आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अवार्ड को समय पर चुनौती न देने के मामले में प्रदेश उच्च न्यायालय ने बिजली बोर्ड (Electricity Board) के कार्यकारी निदेशक (कार्मिक) को विस्तृत जांच करने के आदेश जारी किए है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Judge Tarlok Singh Chauhan) व न्यायाधीश सत्येन वैद्य (Judge Satyen Vaidya) की खंडपीठ ने बिजली बोर्ड की अपील को नामंजूर करते हुए यह आदेश पारित किए। हाई कोर्ट की एकल पीठ के फैसले को अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी। एकल पीठ ने आर्बिट्रेटर के अवार्ड को चुनौती देने में हुई आठ महीने 5 दिनों की देरी को माफ करने के लिए विशेष कारण न मानते हुए बिजली बोर्ड के आवेदन को खारिज कर दिया था।
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खंडपीठ ने आदेश जारी किए है कि जांच 31 मार्च, 2022 तक पूरी की जाए। मामला देरी से दायर करने के लिए लापरवाह रहे अधिकारी या कर्मचारी की वित्तीय जिम्मेदारी तय की जाए, क्योंकि उसकी लापरवाही के चलते बोर्ड पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ा है। आर्बिट्रेटर् द्वारा पारित अवार्ड के अनुसार प्रतिवादी श्याम इंडस सोलुशन प्राइवेट लिमिटेड को 42898551 रुपए प्रतिवर्ष छह फीसदी ब्याज सहित अदा करने के आदेश पारित किए है। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को यूं हल्के में नहीं लिया जा सकता, इसकी जांच की जानी चाहिए। न्यायालय ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि आर्बिट्रेटर द्वारा पारित अवार्ड की प्रतिलिपि 1612019 को बिजली बोर्ड के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को दे दी थी। इस कारण बोर्ड अवार्ड पारित होने बारे जानकारी न होने का नाटक नहीं कर सकता।
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