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हिमाचल: कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग पर हाईकोर्ट सख्त, लाखों की राशि समेत याचिका खारिज
Last Updated on November 25, 2021 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर प्रार्थियों की याचिका को 1 लाख 20 हजार राशि समेत खारिज कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने अजय कुमार पांटा व अन्य दो प्रार्थियों द्वारा दायर याचिका को गुणवत्ताहीन पाते हुए उपरोक्त आदेश पारित किए।
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याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थियों एवं निजी प्रतिवादियों को शिक्षा विभाग ने वर्ष 1997 में शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के पद पर नियुक्त किया था। जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2018 में जारी वरिष्ठता सूची को हाईकोर्ट में यह कहकर चुनौती दी थी कि विभाग ने सूची में निजी प्रतिवादियों को उनसे ऊपर दर्शाया है जबकि वे उनसे जूनियर हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नियमों के विपरीत हुई थी और उन्हें नियमों के तहत लगे निजी प्रतिवादियों की वरिष्ठता को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने याचिका में दिए तथ्यों से पाया कि प्रार्थियों ने बेवजह प्रतिवादियों को तंग करने के उद्देश्य से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। कोर्ट ने प्रार्थियों को राशि 90 दिनों के अंदर 12 निजी प्रतिवादियों को 10 हजार के हिसाब से भुगतान करने के आदेश जारी किए हैं। मामले को आदेशों की अनुपालना के लिए 23 फरवरी 2022 को रखा गया है।
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