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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद होगी बीएड धारकों को कंसीडर ना करने से जुड़े मामले की सुनवाई
Last Updated on March 6, 2023 by Vishal Rana
शिमला। जेबीटी भर्ती मामले (JBT Recruitment Case) में बिना जेबीटी टेट के बीएड धारकों को कंसीडर ना करने से जुड़े मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद होगी। जेबीटी पदों (JBT Post) के लिए बीएड डिग्री धारकों की पात्रता से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष हुई। मामले के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में 617 जेबीटी शिक्षकों के पदों के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया (JBT Recruitment Process) शुरू की थी। इनका परिणाम भी घोषित कर दिया गया था। पूरी परीक्षा में 617 पदों के खिलाफ 613 शिक्षक ही शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले पाए गए।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष हुई सुनवाई
1135 बीएड डिग्री धारकों (B.Ed degree holders) को इन पदों के खिलाफ इसलिए कंसीडर नहीं किया गया, क्योंकि इनके पास जेबीटी टेट नहीं था। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और शिक्षा विभाग के अनुसार नियमों के तहत जेबीटी पदों के लिए जेबीटी टेट पास होना अनिवार्य था। प्रार्थियों का कहना है कि उन्हें जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी इसलिए उनके पास जेबीटी टेट पास सर्टिफिकेट नहीं था। प्रार्थियों का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार बीएड धारकों को इन पदों के लिए कंसीडर नहीं किया गया। क्योंकि कोर्ट ने एनसीटीई की अधिसूचना के आधार पर बीएड डिग्रीधारक भी जेबीटी भर्ती के लिए पात्र बनाए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह भर्ती हाईकोर्ट में विचाराधीन पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित विशेष अनुमति याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।
9 मार्च को होगी निगम शिमला की मतदाता सूची मामले की सुनवाई
निगम शिमला की मतदाता सूची में बाहरी विधानसभा के वोटरों को रोकने वाले प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 9 मार्च को होगी। मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने इस मामले में सरकार की ओर से हिदायत पेश करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष कुणाल वर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार शहरी विकास विभाग द्वारा 9 मार्च, 2022 को जारी अधिसूचना के लागू होने से शिमला नगर निगम के 20000 से अधिक मतदाता प्रभावित होंगे और उन्हें मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।