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हिमाचल प्रदेश को मिलेंगी नई 3 टॉय ट्रेन, ये होगी खासियत
Last Updated on April 26, 2022 by sintu kumar
ज्यादातर लोगों को हिल स्टेशन (Hill Station) पर जाना पसंद होता है। ऐसे में पहाड़ों की सैर करने और टॉय ट्रेन में घूमने का आनंद लेने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए तीन नई टॉय ट्रेन देने का ऐलान किया है। इस साल के अंत तक शिमला-कालका रूट पर ये ट्रेन चलाई जाएंगी।
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बता दें कि भारत में सिर्फ पांच टॉय ट्रेन चलती हैं और पिछले 118 साल में देश को एक भी टॉय ट्रेन नहीं मिली है। नई टॉय ट्रेन साल 1903 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित 96.6 किलोमीटर नैरो-गेज ट्रैक पर चलेंगी। अभी टॉय ट्रेन कालका-शिमला के अलावा, भारत दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरी माउंटेन रेलवे (तमिलनाडु), माथेरान हिल रेलवे और कांगड़ा वैली रेलवे (हिमाचल प्रदेश) पर ही चलती है। अब देश में यह पहली बार होगा जब भारत सरकार द्वारा टॉय ट्रेन तैयार की जाएगी और संचालित होगी।
जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे (Indian Railway) हिमाचल प्रदेश में तीन नई टॉय ट्रेन को तैनात करने के लिए तैयार है। भारतीय रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कालका-शिमला टॉय ट्रेन के डिब्बे रेल कोच फैक्ट्री (Rail Coach Factory) कपूरथला में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन नई टॉय ट्रेन के कोच जर्मन निर्माता लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) द्वारा डिजाइन किए गए हैं। टॉय ट्रेन के लिए कुल 30 नई जनरेशन के एलएचबी कोच होंगे, जो कि 765 मिमी नैरो गेज का इस्तेमाल करते हैं।
ये है खासियत
जानकारी के अनुसार, इन नई टॉय ट्रेन में एसी कोच और जीएस कोच होंगे। इसमें एसी कोच में 180 डिग्री रोटेटेबल चेयर सीट और जीएस कोच में फ्लिप-टाइप सीटिंग की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इन टॉय ट्रेन में सीसीटीवी, यात्री सूचना प्रणाली, यात्री अनाउंसमेंट सिस्टम, आपातकालीन अलार्म पुश बटन, इंफोटेनमेंट के लिए वाईफाई और सिंक-इन एलईडी डेस्टिनेशन बोर्ड भी होगा।
ऐसे होंगे ट्रेन के कोच
ये नई टॉय ट्रेन प्राइवेट या ग्रुप बुकिंग के मामले में बैठने के पैटर्न में संशोधन की अनुमति देंगी। ट्रेन के कोच विस्टाडोम कोच होंगे, ट्रेन में बॉडी साइड डबल-फोल्डेबल दरवाजे और छत में ग्लेजिंग (वीएलटी) कर्व्ड ग्लास लगा होगा।