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हिमाचलः रिटायर डीजीपी के पुत्र-बहू ने किया फ्रॉड, जमीन के बदले सौंपे जाली चेक
Last Updated on December 11, 2021 by Vishal Rana
ऊना। हरोली उपमंडल के पूबोवाल निवासी एक व्यक्ति ने रिटायर डीजीपी (retired dgp) के पुत्र और पुत्रवधू पर जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में धोखाधड़ी (Fraud) करने का आरोप जड़ते हुए मामला दर्ज करवाया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपियों द्वारा जमीन की खरीद के बदले दिए गए चेक फ्रॉड पाए गए हैं। पुलिस ने अदालत के आदेश पर दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी तहरीर में शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप जड़ा कि आरोपी पुलिस (police) विभाग से ही सेवानिवृत्त हुए महानिदेशक के पुत्र और पुत्रवधू हैं। इसके चलते पुलिस ने लंबा अरसा पहले दी गई उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
शिकायतकर्ता पूबोवाल निवासी 60 वर्षीय अमरीक सिंह ने अदालत में दी शिकायत में बताया कि आरोपी दंपति ने उनसे और उनके भाई समेत अन्य परिजनों से जमीन की खरीद के मामले में संपर्क किया। दोनों पक्षों के बीच जमीन की कीमत को लेकर हुई बातचीत के बाद मामला 60 लाख रुपए पर फिक्स हो गया। वहींए दिसंबर 2017 में सेल डीड भी तैयार की गई। इसी सेल डीड में शिकायतकर्ताए उनके भाईए भाभी, भतीजे और भतीजी के नाम पर जारी किए गए 5.5 लाख रुपए के 12 चेक (check) की डिटेल भी लिखी गई।
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शिकायतकर्ता का आरोप है कि इनमें से करीब 40 रुपए के चेक फ्रॉड पाए गए हैं। भाई आरोपियों द्वारा चेक पर डाली गई तारीख 19 जनवरी 2018 की होने पर शिकायतकर्ता और उनके सभी रिश्तेदारों ने इस सेल डीड को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपियों ने उन्हें फिर से गलत तथ्यों के आधार पर विश्वास में लेकर सेल डीड (deed) को आगे बढ़ाया, लेकिन फिर शिकायतकर्ता और उनके रिश्तेदारों को पता चला कि चेक पर डाली की तारीख 19 जनवरी 2018 की न होकर 23 जनवरी 2018 की है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपियों ने उन्हें और उनके हिस्सेदारों को बिना पैसे दिए यह जमीन अपने नाम करने का प्रयास किया हैए जो कि उनके साथ धोखाधड़ी है। आरोपियों ने चेक पर डाली तारीख में वर्ष 2017 को ओवरराइट करके 2018 लिखा थाए जबकि आरोपी दंपत्ति में से एक ने अपने निजी खाते की बजाय बसाल स्थित एक कंपनी (company) के नाम की चेक उन्हें दिए थे, जबकि यह कंपनी उनकी सेल डीड में किसी भी प्रकार की पार्टी थी ही नहीं। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस संबंध में जब आरोपियों को उनके कांगड़ा जिला के तहत पड़ते मलोट नामक गांव के पत्ते पर नोटिस भेजे गए तो वहां से यह नोटिस वापस आ गए,जबकि जब उन्हें यही नोटिस उनके वर्तमान पत्ते दिल्ली एंक्लेव कॉलोनी चताड़ा जिला ऊना के नाम पर भेजे गएए तब भी उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया।
शिकायतकर्ता ने आरोप जड़ा कि उन्होंने इस संबंध में 19 अप्रैलए 2018 को थाना हरोली में आरोपी दंपत्ति अमिल मिन्हास और हरीप्रिया मिन्हास के खिलाफ शिकायत सौंपी थीए लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं की। पुलिस अधीक्षक अर्जित सिंह ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने अदालत के आदेश पर मन्हास दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।