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गरीबों का राशन डकारने में शिक्षा और Health Department के अधिकारी-कर्मचारी अव्वल
Last Updated on September 14, 2020 by
शिमला। गरीबों के हक का राशन डकारने के मामले में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी अव्वल हैं। जिन्होंने इनकम टैक्स अदा करते हुए भी बीपीएल (BPL), पीएच (Priority Household) और एएवाय (Antodaya Aann Yojna) राशन कार्ड बनाकर गरीबों का राशन डकारा है। इसमें शिक्षा विभाग के 84 और स्वास्थ्य विभाग के 27 अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही छह कांस्टेबल व दो इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा लोक संपर्क विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, महिला बाल विकास विभाग, उद्यान विभाग, वन विभाग, सहकारिता विभाग व पीडब्ल्यूडी के भी अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने निर्णय लिया है कि उपरोक्त सभी 143 मामलों की जांच संबंधित उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा की जाएगी व जांच के परिणाम के दृष्टिगत दोषी अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इनमें कांगड़ा जिला के 47, चंबा के 27, शिमला के 23, मंडी और हमीरपुर के 9-9, बिलासपुर और किन्नौर के सात-सात, कुल्लू के 5, ऊना व सिरमौर के तीन-तीन, सोलन के दो और लाहुल स्पीति का एक अधिकारी व कर्मचारी शामिल है। यह जानकारी विधानसभा के मानसून सत्र में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के पूछे सवाल के जवाब में दी है।
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मंत्री ने बताया कि निदेशक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा अगस्त माह में ग्रामीण विकास विभाग तथा शहरी विकास विभाग में ऐसे 143 अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची दी है, जो आयकर देते हैं व उनके द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान के विरूद्ध बीपीएल, पीएच व AAY श्रेणी हेतू बनाए गए राशन कार्ड का उपयोग किया गया है। इस सूची में 115 अधिकारी व कर्मचारी का राशन कार्ड ग्रामीण क्षेत्र व 28 का शहरी क्षेत्र का दर्शाया गया है। उपरोक्त सभी 143 अधिकारी व कर्मचारी में से कोई टैक्सपेयर अधिकारी व कर्मचारी ग्राम पंचायत की वर्तमान बीपीएल सूची में चयनित नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्र के इन 115 अधिकारी व कर्मचारियों में से 58 के राशन कार्ड बीपीएल व एएवाय श्रेणी के बने हैं व शेष 57 पीएच श्रेणी के हैं। यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि राशन कार्ड कंप्यूट्रीकरण का कार्य खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा किया गया है, 27 अगस्त के पत्र द्वारा उक्त विभाग ने सूचित किया है कि अब राशन कार्ड के कंप्यूट्रीकरण का कार्य भी संबंधित पंचायत सचिव सहायक द्वारा किया जाएगा, ताकि राशन कार्ड में गलत इंद्राज की संभावना ना रहे व उपभोक्ताओँ को इसके लिए निरीक्षक के कार्यलय में ना जाना पड़े। इस संबंध में सभी ग्राम पंचायतों को पंचायती राज विभाग ने 7 सितंबर को निर्देश जारी कर दिए हैं।