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जेपी नड्डा का हिमाचल दौरा मतलब फिर कांग्रेस में तोड़फोड़ के आसार
Last Updated on October 8, 2022 by saroj patrwal
कांगड़ा। बीजेपी मिशन रिपीट के लिए पूरी तरह से संजीदा है। यही कारण है कि बीजेपी (BJP) के आला नेता हिमाचल की ओर लगातार रुख कर रहे हैं। फिर इनमें से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हों या केंद्रीय स्तर के अन्य बड़े मंत्री। पीएम नरेंद्र मोदी पहले बिलासपुर पहुंचे और उसके बाद कुल्लू (Kullu) गए। साथ ही उनका तीसरा दौरा चंबा (Chamba) का भी बताया जा रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) दो दिन के लिए हिमाचल के दौरे पर आ रहे हैं। मकसद साफ है कि बीजेपी इस बार हिमाचल में मिशन रिपीट लाना चाहती है और उसके लिए पूरी तरह से सक्रिय भी है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि बीजेपी ने कांग्रेस में इतनी तोड़फोड़ की है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता बीजेपी ज्वाइन कर गए हैं। हालांकि कांग्रेस के नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से भले ही बीजेपी में गुटबाजी बढ़ गई है मगर इससे बीजेपी को मनोविज्ञानिक बल (psychological force) भी मिला है। यही मनोबल चुनाव जीतने के लिए एक जरूरी चीज भी माना जाता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल और परसों कांगड़ा, बिलासपुर और मंडी में चुनावी रणनीति बनाएंगे इस रणनीति में यही तय होगा कि कांग्रेस में कहां तोड़फोड़ की जाए जो उनके लिए ताकत बन जाए और दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए कमजोरी बन जाए। बीजेपी लगातार विपक्षी दलों में तोड़फोड़ किए जा रही है। मकसद साफ है कि बीजेपी हिमाचल में मिशन रिपीट करना चाहती है और वह इसके लिए कुछ करना चाहती है।
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बीजेपी महाराष्ट्र और गोवा (Maharashtra and Goa) में ऑपरेशन लोटस की तर्ज पर हिमाचल में भी मिशन रिपीट चला रही है। इसके लिए उन्होंने एक बुलंद नारा भी दिया है कि ताज नहीं इस बार रिवाज बदलेगा। यही कारण है कि बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशियों के नाम भी फाइनल नहीं किए हैं। यही कारण है कि धड़ाधड़ घोषणाओं की बौछार की जा रही है। सरकारी कर्मचारियों को खुश करने का प्रयास किया जा रहा है। पोस्टें निकाली जा रही हैं। वीआईपी निरंतर हिमाचल की तरफ रुख कर रहे हैं। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के विभागों को नवाजा भी जा रहा है। उनकी बढ़िया कारगुजारी का गुणगान किया जा रहा है। इसका अर्थ यही है कि बीजेपी यह भी दर्शाना चाहती है कि डबल इंजन सरकार ने इतना सुशासन दिया है कि हिमाचल के विभाग भी बढ़िया काम करने लगे हैं। यदि कांग्रेस को डेंट डालने की बात करें तो नतीजा यह निकला कि पहले दो निर्दलीय देहरा से होशियार सिंह (Hoshiyar Singh) और जोगेंद्रनगर से प्रकाश राणा ने कमल थामा।
इनके बाद कांग्रेस के दो विधायक नालागढ़ से लखविंद्र राणा (Nalagarh to Lakhwinder Rana) और ज्वाली विधायक एवं कांग्रेस के पूर्व वर्किंग प्रेसिडेंट पवन काजल बीजेपी के हो गए। स्वण् वीरभद्र सिंह के सबसे करीबी एवं रणनीतिकार रहे पूर्व मंत्री हर्ष महाजन कांग्रेस छोड़ बीजेपी के हो गए। उधरए बिलासपुर में पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस को झटका दियाए जबकि कांग्रेस उन्हें टिकट देने की तैयारी कर रही थी। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री सुख राम शर्मा के पोते एवं कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा भी जल्द बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए हर्ष महाजन अब मिशन रिपीट में आहुति डालने की तैयार हैं। दो रोज पहले हर्ष ने गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें तोड़फोड़ का टारगेट दिया है।