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इस महिला का मेडिसिन में रहा बड़ा योगदान, जानिए कौन हैं पद्मा बंदोपाध्याय
Last Updated on July 25, 2022 by sintu kumar
अगर उड़ान में हौसलों के पंख हों तो मंजिल अपने आप ही मिल जाती है। बहादुर इंसान मंजिल के लिए एक बार कदम उठाने के बाद मुड़कर कभी पीछे नहीं देखता। इस बात को साबित करती हैं पद्मा बंदोपाध्याय (Padma Bandyopadhyay), जो भारतीय वायुसेना में एयर मार्शल के पद पर पहुंचने वाली पहली महिला थीं। इसके बाद वह भारतीय वायुसेना में एयर मार्शल भी बनीं। आइए जानते हैं पद्मा बंदोपाध्याय के बारे में:
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पद्मा बंदोपाध्याय ने मेडिकल क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है। वह एक एविएशन मेडिसिन (Aviation Medicine) स्पेशलिस्ट हैं। वहीं, वह न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंस की सदस्य भी हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्म पुरस्कार भी मिला है।
तमिल भाषी अय्यर परिवार में हुआ जन्म:
पद्मा बंदोपाध्याय का जन्म एक तमिल भाषी अय्यर परिवार में हुआ। उनका जन्म 4 नवंबर, 1944 को तिरुपति आंध्र प्रदेश (Tirupati Andhra Pradesh) में हुआ। जब वे पांच साल की थीं तो उनकी माता को टीबी हो गई। यही कारण रहा कि मेडिकल समस्याएं उनके दिमाग में घर करने लगीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली तमिल एजुकेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हासिल की। इसके बाद 1963 में वह पुणे में स्थित आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज में चली गईं। इसके बाद फिर 1968 में वह आईएएफ (IAF) में शामिल हो गईं। इसके बाद उन्होंने विंग कमांडर (Wing Commander) एसएन बंदोपाध्याय से शादी कर ली। उनके पति सतीनाथ और उन्होंने एक ही इन्वेस्टिचर परेड में राष्ट्रपति अवार्ड हासिल किया।
साल 2002 में बंदोपाध्याय एयर वाइस मार्शल में प्रमोट होने वाली प्रथम महिला बनीं। इसके बाद भारतीय वायुसेना की पहली एयर मार्शल भी बन गई। इसी के साथ वह भारतीय एयरोस्पेस मेडिकली सोसाइटी की फेलो बनने वाली पहली महिला थीं और उत्तरी ध्रुव (North Pole) पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने वाली भी प्रथम महिला थीं। वहीं, वह 1978 में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स वाली पहली महिला फोर्स ऑफिसर भी रहीं। उन्होंने हाई एल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा और हाई एल्टीट्यूड (high altitude) सेरेब्रल एडिमा के लिए भी पर्याप्त प्रयास किए। उन्हें कई मिलिट्री और नागरिक पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान सेवा के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा गया। यही मेडल उनके पति एसएन बंदोपाध्याय को भी दिया गया। वहीं, वे एक ऐसा अनोखा कपल बने, जिन्हें राष्ट्रपति ने एक ही समारोह में वीएसएम से सम्मानित किया। जनवरी 2002 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल और जनवरी 2006 में परम विशिष्ट सेवा मेडल दिया गया। मेडिसिन में योगदान देने के लिए उन्हें जनवरी 2020 में पद्म श्री पुरस्कार भी मिल चुका
है। साथ ही उन्हें इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार भी मिल चुका है।