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पहली को सुबह 7 बजे खुलेंगे मां चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट, पर्ची के साथ होगी स्क्रीनिंग
ऊना। कोरोना (Corona) के चलते बंद पड़े हिमाचल के धार्मिक स्थल एक जुलाई से खुलने जा रहे हैं। अभी धार्मिक स्थल केवल दर्शनों के लिए खुलेंगे। हवन, यज्ञ, भजन मंडली, भंडारा, लंगर मंदिर परिसर, धर्मशाला व सड़क किनारे लगाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। इसी कड़ी में मां चिंतपूर्णी मंदिर (Maa Chintpurni Temple) के कपाट 1 जुलाई से खुलने जा रहे है। यह आदेश जारी करते हुए डीसी ऊना राघव शर्मा (DC Una Raghav Sharma) ने बताया कि मंदिर प्रात: 7 बजे से रात 8 बजे तक दर्शनों के लिए खुला रहेगा। जबकि हवन, यज्ञ, भजन मंडली, भंडारा, लंगर मंदिर परिसर, धर्मशाला व सडक़ के किनारे लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। इसक अतिरिक्त स्थिति के अनुसार मंदिर अधिकारी समय सीमा में परिवर्तन कर सकते हैं। सभी श्रद्धालुओं को दर्शन पर्ची लेने के साथ-साथ कोविड-19 (Covid-19) की स्क्रीनिंग (Screening) भी करवानी होगी। एडीबी सदन को श्रद्धालुओं के इस्तेमाल के लिए खुला रहेगा। चिंतपूर्णी क्षेत्र में भजन, कीर्तन, सतसंग, भागवत या अन्य धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा।
भीड़ के चलते पर्ची जारी करने पर लगाई जा सकती है रोक
मंदिर परिसर में भीड़ ना हो इसके लिए मंदिर सहायक आयुक्त दर्शन पर्ची जारी करना रोक सकेगा। चिंतपूर्णी क्षेत्र में अस्थाई दुकानें नहीं खुल सकेंगी तथा केवल सूखा प्रसाद ही चढ़ाया जा सकेगा। श्रद्धालुओं को मंदिर में बैठने, खड़े होने तथा इंतजार करने की अनुमति नहीं होगी। चिकित्सीय परीक्षण के बाद केवल श्रद्धालु ही मंदिर परिसर में जा सकेंगे। फ्लू जैसे लक्षणों वाले श्रद्धालुओं को अस्पताल में आइसोलेट (Isolate) किया जाएगा और उनकी कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही मंदिर के अंदर जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा भी श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल को मानना होगा तथा सामाजिक दूरी, मास्क (Mask) का प्रयोग एवं हाथों को सैनिटाइज करना आवश्यक होगा। आंगतुकों को मंदिर परिसर में गेट एक व दो के माध्यम से निर्धारित सामाजिक दूरी अपनाते हुए भेजा जाएगा। जहां तक संभव हो जूतों को गाड़ी में ही उतारना होगा और यदि जरूरत पड़ती है तो पुराना बस अड्डा के पास जूते रखने के स्थान को प्रयोग में लाया जा सकता है।
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श्रद्धालुओं को माता चिंतपूर्णी के दर्शानार्थ जाते समय पंक्ति में हर समय 6 फीट की सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी। आंगतुकों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पूर्व हाथ और पैर साबुन से धोने होंगे। इसके लिए जगदंबा ढाबा, मंगत राम की दुकान के समीप व पुराना बस अड्डा के पास व्यवस्था की गई है। मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का मूर्तियों, धार्मिक किताबों, घंटियों इत्यादि को छूना वर्जित रहेगा। भीड़ का इकट्ठा होना पूर्व की भांति वर्जित रहेगा। ढोल नगाड़ों युक्त गायन दलों के आने पर भी मनाही रहेगी। मंदिर में प्रसाद व पवित्र जल का वितरण भी नहीं होगा। दिशा-निर्देशों के मुताबिक 60 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है।
पुजारियों के लिए एसओपी
पुजारी श्रद्धालुओं को ना तो प्रसाद वितरित करेंगे और ना ही मौली बांधेंगे। उनके द्वारा किसी एक श्रद्धालु या श्रद्धालुओं के समूह के लिए पूजा अर्चना भी नहीं की जाएगी। कन्या पूजन और हवन आयोजन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुजारियों को भी कोरोना संक्रमण के लिए निर्धारित हिदायतों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। गर्भगृह में एक समय पर केवल दो पुजारियों को ही बैठने की अनुमति रहेगी। डीसी ने बताया कि चिंतपूर्णी सदन में श्रद्धालु पंजीकरण के लिए संपर्क करेंगे, इसके लिए पंजीकरण और चिकित्सीय परीक्षण हेतु समुचित काउंटरों की व्यवस्था होगी। वहां ड्यूटी पर तैनात स्टाफ हेतु उचित मात्रा में सुरक्षा सामाग्री की व्यवस्था रहेगी, साथ ही निर्धारित मापदंडों की अनुपालना भी सुनिश्चित करनी होगी। बीएमओ के साथ परामर्श करके आइसोलेशन कक्ष बनाया जाएगा तथा मुंडन संस्कार के लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा। बाथरूम अथवा टॉयलेट सहित संपूर्ण परिसर को नियमित अंतराल पर सेनेटाइज करना होगा। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए जाएंगे।
दुकानदारों के लिए दिशा-निर्देश
डीसी ने कहा कि दुकानदार व होटल (Hotel) मालिकों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और आगंतुकों द्वारा फेस कवर का प्रयोग, हाथों को धोना सामाजिक दूरी जैसी हिदायतों की अनुपालना हो रही है। निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए फर्श पर निशान बनाने होंगे और कोई भी दुकानदार दुकान से बाहर विक्रय सामाग्री नहीं रखेगा। उल्लंघन करने वाले की दुकान तीन दिन के लिए बंद कर दी जाएगी। मंदिर आयुक्त ने कहा कि सफाई कर्मचारी निर्धारित वर्दी पहनेंगे। सेवा प्रदाता समय-समय पर स्वच्छता सुनिश्चित करेगा और दिन में तीन बार क्षेत्र की सफाई करवाएगा। एकत्र किए गए कचरे का निपटारा किया जाएगा। कर्मचारी व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। हाथ-पैर धोने के क्षेत्रों, रेलिंग, दरवाजों की नॉब वगैरह की निर्धारित समय पर प्रभावी ढंग से कीटाणुनाशक के माध्यम से सैनिटाइजेशन सुनिश्चित करना होगा। श्रद्धालु शंभू बैरियर की ओर से गेट नंबर 1 व 2 और मुख्य बाजार से आते हुए चिंतपूर्णी सदन से प्रवेश करेंगे। तीर्थयात्री नए बस स्टैंड और चिंतपूर्णी सदन के समीप पार्किंग स्थानों का उपयोग कर सकते हैं।
लिफ्ट के प्रयोग से संबंधित दिशा-निर्देश
डीसी ऊना ने कहा कि लिफ्ट का प्रयोग वर्जित रहेगा, क्योंकि इससे निर्धारित सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल है। दिव्यांगों के लिए लिफ्ट का परिचालन किया जा सकता है किंतु प्रयोग के समय केवल एक व्यक्ति को ही अनुमति दी जाएगी। लिफ्ट के अंदर किसी भी कर्मचारी को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी और लिफ्ट के प्रत्येक प्रयोग के बाद सैनिटाइज किया जाएगा।
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