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कामदा एकादशी पर जरूर करें ये उपाय, भगवान विष्णु पूरी करेंगे हर इच्छा
Kamada Ekadashi: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है और इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत सोमवार रात 8 बजे हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन कल 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत कल रखा जाएगा।
शुभ योग और पूजा शुभ मुहूर्त
कल रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। आश्लेषा और मघा नक्षत्र का निर्माण होगा। वणिज और बव करण का भी संयोग बनेगा। कल ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 32 मिनट पर शुरु होगा। ये मुहूर्त 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगा, वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा। ये मुहूर्त 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इन दोनों ही मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा की जा सकती है।
पूजा के लिए सबसे उत्तम समय सुबह का होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा करना अधिक फलदायी माना गया है। मान्यता है कि कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु का स्मरण करके इन उपायों को आजमाने से हर इच्छा पूरी होती है और व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
- कामदा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें। 11 बार परिक्रमा (मंदिर की परिक्रमा लगाने का महत्व) लगाएं और कच्चे सूत को हर एक परिक्रमा के साथ पीपल से बांधते चलें। इससे कर्ज का बोझ उतर जाएगा।
- पीपल के पांच पत्ते लें और उस पर हल्दी से स्वास्तिक बनाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। इससे व्यापार में बढ़ोतरी होगी और धन लाभ के आसार भी शीघ्र बनते नजर आएंगे।
- पीले रंग के कपड़े में सात हल्दी की गांठ बांधकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। फिर उस गांठ वाले कपड़े को तिजोरी में रख दें इससे आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और धन वृद्धि के योग भी बनेंगे।
- भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए मंदिर में रखे शंख में जल भरें और पूरे घर में छिड़काव करें। साथ ही, शंख में जल भरकर तुलसी के पौय्धे में भी डालें। इससे पारिवारिक कलह दूर होगी।
भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल डालकर ही भोग लगाएं और शाम के समय तुलसी के पौधे के आगे दीपक (घर में दीपक जलाने का महत्व) जलाएं। इससे घर में सकारात्मकता का संचार होगा और नकारात्मकता दूर होगी। - तुलसी को माता माना गया है। ऐसे में तुलसी के पौधे को लाल चुनरी उढ़ाकर उनकी विष्णु पत्नी के रूप में पूजा करें। इससे विवाह में आ रही बाधा दूर होगी और जल्दी विवाह के योग बनेंगे।