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नौ करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली गिग अर्थव्यवस्था (Gig economy) की बात जोरो से होने लगी है। गिग अर्थव्यवस्था यानी कुछ समय के लिए नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था से गैर-कृषि क्षेत्रों (Non-Agricultural Sectors) में नौ करोड़ रोजगार सृजन में मिल सकती है। परामर्श कंपनी बीसीजी (BCG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे दीर्घकाल में सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 1.25 फीसदी की वृद्धि की संभावना है। गिग अर्थव्यवस्था से मतलब रोजगार की ऐसी व्यवस्था से है जहां स्थायी तौर पर कर्मचारियों (Employees) को रखे जाने के बजाए अल्प अवधि के लिए अनुबंध पर रखा जाता है। गिग अर्थव्यवस्था कोई नई धारणा नहीं है,बल्कि प्रौद्योगिकी के साथ इसे तेजी से अपनाया जा रहा है। कुछ साल पहले जब बिना रोजगार सजन के वद्वी की बात कही जा रही थी,सरकार ने अस्थायी तौर पर सृजित होने वाले रोजगार (Employment) यानी गिग अर्थव्यवस्था रोजगार की बात कही थी।
उसी के अनुरूप परामर्श कंपनी बीसीजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पावधि से दीर्घावधि में कुशल,कम कुशल और साझा सेवा क्षेत्र में करीब 2.4 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक सात करोड़ (Temporary Jobs) अस्थायी नौकरियां निर्माण,विनिर्माण,परिवहन और लॉजिस्टिक्स तथा व्यक्तिगत सेवा क्षेत्रों में हैं। बीसीजी के मुताबिक इसका अनुमान विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के प्रकार का विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। इसको लेकर 600 से ज्यादा परिवारों के बीच सर्वे किया गया तथा उद्योग विशेषज्ञों (Industry Experts) से राय ली गई।
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