-
Advertisement
रेंट फ्री मकानों में रहने वाले कर्मचारियों का कम कटेगा एचआरए, बढ़ेगी सैलरी
नई दिल्ली। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने अपने मानदंडों का संशोधन किया है। नए नियमों में नियोक्ता के रेंट फ्री मकानों (Rent Free Houses) में रहने वाले कर्मचारियों का कर योग्य आधार कम होगा, यानी उनका एचआरए (HRA) कम कटेगा। इससे उनके टेक होम सैलरी (Take Home Salary) में वृद्धि होगी। एचआरए से जुड़े नियमों को शहर की जनसंख्या के आधार पर अधिक तर्कसंगत बनाया गया है। संशोधित नियम 1 सितंबर से लागू होंगे।
क्या है नया मानदंड
सीबीडीटी के अनुसार केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों, जिनके पास नियोक्ता के मालिकाना हक वाले आवास हैं, उनके वैल्यूएशन का मूल्यांकन बदल गया है। अब वे शहरी क्षेत्र जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी है, वहां एचआरए वेतन का 10 फीसदी होगा। यह 2001 की जनगणना के अनुसार 15 फीसदी था। जिस शहर में 2011 के जनगणना में आबादी 15 लाख से कम है, वहां यह 7.5 प्रतिशत होगा जो 2001 में 10 प्रतिशत था।
यह भी पढ़े:RBI ने बदले UPI के नियम, मिलेगी कन्वर्सेशनल और ऑफलाइन पेमेंट की सुविधा
जो कर्मचारी पर्याप्त वेतन ले रहे हैं और नियोक्ता से मिले आवास में रह रहे हैं, वे अधिक बचत करने में सक्षम होंगे, क्योंकि संशोधित दरों के साथ उनका कर योग्य आधार अब कम होने जा रहा है। ऐसे में उनके घर का मूल्य कम होगा और वेतन में भी बढ़ोतरी होगी। यह ध्यान देने योग्य बात है कि एचआरए के अनुलाभ मूल्य में कमी से दोहरे प्रभाव भी उत्पन्न होंगे। एक ओर यह कर्मचारियों के लिए सेविंग को बढ़ावा देंगे तो वहीं सरकारी राजस्व में कमी आएगी।
कम आय वाले कर्मचारियों को फायदा नहीं
इस बदलाव से महंगे आवास पाने वाले उच्च आय वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। वहीं, मामूली आवास वाले कम आय वाले कर्मचारियों को महत्वपूर्ण कर राहत का अनुभव नहीं हो सकता है। इसके अलावा, यह बदलाव कॉर्पोरेट नियोक्ताओं (Corporate Employers) को रणनीतिक रूप से फिर से विचार करने और संभावित रूप से अपने मौजूदा मुआवजे ढांचे को दोबारा आकार देने के लिए प्रेरित कर सकता है। ऐसे में वह टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं।