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शिमला। पहाड़ों की रानी और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पानी का भारी संकट पैदा हो गया है। शहर के कई इलाकों में चार दिन के बाद पानी (Water) मिल रहा है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में पानी की भारी कमी को देखते हुए लोग नगर निगम प्रशासन की किरकिरी करते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में आज समाज सेवक रवि कुमार की अगुवाई में कुछ लोगों ने शिमला नगर निगम महापौर के दफ्तर के बाहर घड़ा और गिलास लेकर धरना दिया।
समाजसेवी रवि कुमार ने कहा कि आज पूरा शहर पानी के संकट से जूझ रहा है और ऐसी स्थिति में भी नगर निगम प्रशासन आज छुट्टी मना कर अपने घरों पर बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये लोगों की समस्या के प्रति नगर निगम प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज वह नगर निगम दफ्तर के बाहर एक घड़ा पानी लेने पहुंचे, लेकिन यहां कोई अधिकारी या प्रतिनिधि नहीं मिला।
रवि कुमार ने सरकार, नगर निगम और प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सभी लोगों को पानी उपलब्ध कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे में शहर के लोगों को पानी की सुविधा नहीं मिलती है, तो वे यही घड़ा लेकर शिमला के विधायक और प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
वहीं, समाजसेवी बुद्धि राम जस्टा ने कहा कि जल शक्ति विभाग की ओर से शिमला शहर को 40 एमएलडी पानी रोजाना मिल रहा है, लेकिन बावजूद इसके शहर के लोगों को पानी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा। उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा कि आखिर इतना पानी कहां जा रहा है। उन्होंने कहा कि कहने के लिए तो शिमला स्मार्ट सिटी है, लेकिन स्मार्ट सिटी के लोग आज पानी से महरूम हैं। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द लोगों को पानी उपलब्ध करवाने का काम करवाने की मांग की है।
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