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गंगा दशहरा पर कैसे करें पूजा व क्या दान करें, पढ़े यहां
गंगा दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। ज्येष्ठ शुक्ला दशमी को दशहरा कहते हैं। इस वर्ष 1 जून को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। जून का महीना इसलिए भी विशेष है क्योंकि एक ही महीने में 2 एकादशी, निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी आ रही हैं ऐसे में यह महीना भक्तों के लिए बड़ा ही उत्तम माना जा रहा है।
आमतौर पर निर्जला एकादशी से एक दिन पहले गंगा दशहरा मनाया जाता है लेकिन कुछ वर्षों से गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी एक ही दिन पड़ रही हैं। इस वर्ष गंगा अवतरण एवम पूजन समय यह रहेगा
दशमी तिथि प्रारम्भ – मई 31, 2020 को सायं 5:36 बजे
दशमी तिथि समाप्त – जून 01, 2020 को दोपहर 2:57 बजे
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गंगा दशहरा,दस शुभ वैदिक गणनाओं के लिए मनाया जाता है जो विचारों, भाषण और कार्यों से जुड़े दस पापों को धोने की गंगा की क्षमता को दर्शाता है। दस वैदिक गणनाओं में ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दसवां दिन, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, सिद्ध योग, गर-आनंद यौग और कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ राशि में सूर्य शामिल हैं। मान्यता ऐसी है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा देवी गंगा को समर्पित है और यह दिन उस दिन के रूप में मनाया जाता है। जब गंगा को भागीरथ के पूर्वजों की शापित आत्माओं को शुद्ध करने के लिए अपने मिशन को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर उतारा गया था। पृथ्वी पर आने से पहले, देवी गंगा भगवान ब्रह्मा के कमंडल में निवास कर रही थीं और वह स्वर्ग की पवित्रता को पृथ्वी पर ले आईं. लेकिन मां गंगे की गति इतनी अधिक थी कि उसे पृथ्वी की ऊपरी सतह पर रोक पाना नामुमकिन था.तब भागीरथ ने मां गंगे की इच्छा पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी. राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गंगा मां को अपनी जटाओं में समा लिया था। इसके बाद भगवान शंकर ने अपनी जटाओं से मां गंगे को धीमी गति के साथ पृथ्वी पर उतारे थे। स्कन्दपुराण में इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है।
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गंगा दशहरा पर क्या दान करेंः
- गंगा दशहरा पर शीतलता देने वाली चीजों का दान करना चाहिए। इसमें ठंडे फल, पंखा, मटका ,सत्तू का दान आदि कर सकते हैं। इस दिन घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा सुन सकते हैं।
- गंगा दशहरा पर ऐसे करें पूजनः
- इस दिन गंगा नदी में स्नान करना श्रेयस्कर होता है, किन्तु कोरोना वायरस महामारी संकट की वजह से इस साल श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाएंगे। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें.
- इसके बाद ॐ श्री गंगे नमः का उच्चारण करते हुए मां गंगे का ध्यान कर अर्घ्य दें।
- पंडित दयानंद शास्त्री, उज्जैन (म.प्र.) (ज्योतिष-वास्तु सलाहगाड़ी) 09669290067, 09039390067
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गा दशहरा के दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें.