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दुनियाभर में रेल (Train) एक स्थान से दूसरी जगह-जगह जाने के लिए बहुत अच्छा साधन माना जाता है। वैसे हवाई जहाज (Airplane) से भी सफर किया जाता है, लेकिन हवाई जहाज हर जगह को नहीं जोड़ते और अगर किसी देश या बड़ी सिटी में जाना हो तो हवाई जहाज सबकी पहली पसंद होगा, परंतु हर कोई इसमें सफर नहीं कर सकता है, जिसका सबसे बड़ा कारण भारी भरकम किराया है। इसके विपरीत रेल में सफर सस्ता पड़ता हैं और रेलवे लाइन (Railway Line) कई जगहों को आपस में जोड़ती हैं और आपने स्टेशन (station) तक आसानी से पहुंच जाते है। वहीं भारतीय रेल (Indian Railway) की बात करें तो इसे भारत की लाइफलाइन कहा जाता हैं। रेलवे विभाग और ट्रेनों से संबंधित कई ऐसा रोचक सवाल हैं, जो लोगों के मन में हमेशा बने रहते हैं। ऐसा ही एक मजेदार सवाल ट्रेन को लेकर इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है। इसमें पूछा गया कि ट्रेन की छतों पर छोटे-छोटे डिब्बे या ढक्कन क्यों लगे होते हैं। इसके जवाब कुछ लोगों ने दिए तो कुछ का सिर चकरा गया। आखिरकार इसका जवाब मिल गया है।
ट्रेन के कोच तो पूरी तरह पैक रहते हैं, सिर्फ दरवाजे (Door) और खिड़कियां खुली रहती हैं, लेकिन कई बार यह भी बंद हो जाती है और एसी कोच (AC Coach) में ऐसा ही होता है। ऐसे में कोच की छतों पर यह छोटे प्लेट इसलिए लगाए रहते हैं, ताकि इनमें से हवा पास हो सके। इन छोटे-छोटे ढक्कनों को रूफ वेंटिलेटर कहते हैं। ट्रेन के कोच में जब यात्रियों की संख्या ज्यादा हो जाती है इसके चलते एहतियातन इसे लगाया जाता है।
कुछ रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि लोगों को गर्मी या सफोकेशन से बचाने के लिए और हवा को पास करने के लिए ट्रेन के प्रत्येक कोच में यह खास व्यवस्था की जाती है और कोच के ऊपर गोलाकार रूप में यह डिजाइन बनाई जाती है। इनमें अंदर की तरफ एक जाली लगी होती हैए जो गैस पास करती है और ऊपर प्लेटें लगाई जाती हैंए ताकि बारिश में बाहर से पानी वगैरह अंदर ना आने पाए। ट्रेन के एक कोच में कई प्लेटें लगाई जाती हैं जिससे हवा आसानी से पास होती रहे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूफ वेंटिलेटर ना लगने की वजह से अंदर काफी दिक्क्त हो सकती है। कोच के भीतर बढ़ने वाली गर्मी ट्रेन का संतुलन बिगाड़ भी सकती हैए जिससे कुछ भी हादसा हो सकता है। यही कारण है कि यह पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
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