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यूट्यूब ने हटाया सिद्धू मूसेवाला का नया गाना, हत्या के बाद रिलीज हुआ था SYL
Last Updated on June 26, 2022 by Vishal Rana
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद रिलीज किया गया नया गाना एसवाईएल (SYL) यूट्यूब ने हटा दिया है। एसवाईएल का मतलब सतलुज यमुना लिंक नहर है, जिसे एसवाईएल नहर के नाम से भी जाना जाता है। मूसेवाला का ये गीत उनकी हत्या के 26 दिन बाद उनके आधिकारिक यूट्यूब (Youtube) अकाउंट से रिलीज किया गया था, जो कि 6 मिनट में हिट हो गया था।
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जानकारी के अनुसार, सरकार से कानूनी शिकायत के बाद सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) के इस गाने को यूट्यूब से हटाया गया है। सिद्धू ने अपने इस आखिरी गाने के जरिए पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे एसवाईएल के मुद्दे के बारे में बताया है। इस गाने में पंजाब के पानी और उससे जुड़े मुद्दों का खूब जिक्र किया गया है। इस गाने में आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता का बयान भी चलाया गया है, जिसमें वे 2024 में पंजाब की तरह हरियाणा में भी अपनी पार्टी की सरकार बनने पर हरियाणा को एसवाईएल का पानी दिलाने की बात कर रहे हैं।
गाने में उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन और लाल किलो का भी जिक्र किया है। सिद्धू ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली कूच और लाल किले पर सिख समाज के प्रतीक निशान साहिब को लहराने की सराहना की है। यूट्यूब पर गाना पोस्ट करते ही पहले 6 मिनट में गाने को 4.75 लाख व्यूज और 3.14 लाख लाइक्स मिल गए और गाना पूरी तरह से हिट हो गया। जबकि, दो घंटे के बाद इस गाने को 22 लाख लोगों ने देखा और 14 लाख लोगों ने गाने को लाइक और 2 लाख 52 हजार लोगों ने गाने पर कॉमेंट किया।
हालांकि, मूसेवाला के इस गाने पर हरियाणा के कई कलाकारों ने नाराजगी जताई थी। हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकार केडी ने कहा कि मूसेवाला के परिजनों और टीम को ये गाना रिलीज नहीं करना चाहिए था। ऐसे गानों से दोनों प्रदेश का भाईचारा बिगड़ता है। वहीं, कलाकार गजेंद्र फौगाट ने इस गाने को काट कर नया गाना बनाने की बात कही थी।
जबकि, अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह का कहना है कि कंफ्यूजन की वजह से लोग गाने के बोल सही तरह से समझ नहीं पा रहे हैं। गाने से उन्हीं लोगों को जलन हो रही है, जिनको किसानों में आतंकवाद दिखता था।
बता दें कि पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य के गठन के समय ही एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक नहर) के पानी को लेकर विवाद शुरू हो गया था। एसवाईएल निर्माण को लेकर पंजाब की आनाकानी पर सन् 1979 में हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद साल 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को निर्देश दिया कि एक वर्ष में एसवाईएल का निर्माण करवाए या इस काम को केंद्र सरकार को सौंप दिया जाए।