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तालिबान ने दिया Pak को झटका: जम्मू-कश्मीर को India का आतंरिक मामला बताया
Last Updated on May 19, 2020 by
काबुल/नई दिल्ली। तालिबान (Taliban) ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद में शामिल होने के सोशल मीडिया में चल रहे दावों का खंडन करते हुए एक ऐसा बयान दिया है, जिसने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) पर पाकिस्तान (Pakistan) के बेदम दावे को और कमजोर कर दिया है। दरअसल तालिबान ने अपने आधिकारिक बयान में यह साफ़ कर दिया है कि वह दूसरे देशों के आतंरिक मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा। अफगानिस्तान (Afghanistan) में इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर लिखा कि तालिबान के कश्मीर में जारी जिहाद में शामिल होने के बारे में मीडिया में प्रकाशित बयान गलत हैं।
पाकिस्तानी ट्रोलर्स के दावे से तालिबान ने किया खुद को अलग
उन्होंने आगे लिखा कि इस्लामिक अमीरात की नीति स्पष्ट है कि यह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। अब इस स्टेटमेंट के जरिए तालिबान ने साफ़ कर दिया कि कश्मीर में जारी ‘कथित जिहाद’ मूवमेंट का वह हिस्सा नहीं है। वहीं तालिबान के इस बयान को पाकिस्तान के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
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क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान की ट्रोल आर्मी ने ट्विटर पर एक बयान शेयर कर दावा किया था कि तालिबान कश्मीर में जारी आतंकवाद में शामिल होगा। सोशल मीडिया में चल रहे इस दावे में तालिबान के एक प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद का हवाला दिया जा रहा था। इस दावे के बाद अब तालिबान के प्रवक्ता सुहैल ने यह सख्त बयान जारी करके खुद को पूरे विवाद से अलग कर लिया है।
तालिबान ने भारत पर लगाए थे आरोप, अफगान सरकार ने दिया जवाब
इससे पहले तालिबान ने भारत (India) पर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि वह हमेशा अफगानिस्तान में देशद्रोहियों की मदद करता रहा है। वहीं अब अफगानिस्तान सरकार ने इसका जवाब दिया है। अफगानिस्तान सरकार ने कहा- भारत वो देश है, जिसने हमें सबसे ज्यादा दान दिया। सबसे ज्यादा मदद की। दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और ये संबंध अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ग्रान हेवड ने एक इंटरव्यू में तालिबान के आरोप खारिज करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अफगानिस्तान के विकास में सहयोग किया है। हमें उम्मीद है कि वो शांति प्रक्रिया में भी योगदान देगा।