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असली मालिक का लॉकर तोड़ बैंक अधिकारियों ने किसी दूसरे को थमा दिए 50 लाख के गहने
Last Updated on August 3, 2022 by Vishal Rana
शिमला। राजधानी में फर्जीवाड़ा (forgry) होने का समाचार आया है। इस फर्जीवाड़े में बैंक मुलाजिमों और आरोपी ने घालमेल कर लॉकर में रखे गहने किसी और को दे दिए। इस संबंध में लॉकर के मालिक आशुतोष (Ashutosh) ने सदर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। उसने कहा है कि उसके जेवरात मिलीभगत कर किसी और को दे दिए हैं।
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उसने बताया कि उसने बैंक ऑफ बड़ौदा में वर्ष 1998 में 77 नंबर का एक लॉकर लिया था। वर्ष 2017 में बैंक आफिसरों ने उसे बताया कि आपका 77 नंबर से लॉकर बदल कर 177 नंबर कर दिया है। तब से वह इसी लॉकर का संचालन कर रहा था। इसके बाद सन 2019 से उसने अपने लॉकर का संचालन नहीं किया। उसने बताया कि जब वह 30 जुलाई को गुरुद्वारा सिंह सभा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में उसने अपना लॉकर चैक किया तो पाया उसमें चाबी नहीं लगी है। जब इस संबंध में उसने बैंक अधिकारियोें से बात की तो उसे बताया गया कि लॉकर 177 गुरप्रीत सिंह विरक (Gurpreet Singh Virk) के नाम पर चढ़ा हुआ है। इस संबंध में गुरप्रीत ंिसंह ने बैंक को बताया था कि लॉकर चाबियां गुम हो गई हैं। इसके बाद गुरप्रीत को बुलाया गया और उसके सामने ही लॉकर को तोड़कर सारा सामान उसे थमा दिया गया। वहीं पीड़ित ने बताया कि लॉकर में रखा गया सामान उसका था। उस लॉकर में 50 लाख रुपए के गहने रखे गए थे। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और एसपी शिमला डॉ मोनिका ने बताया कि फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है।
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