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गुम्मा योजना में आया था फॉल्टः अब नहीं होगा शिमला में पेयजल संकट,तीसरे दिन मिलेगा पानी
हिमाचल की राजधानी शिमला में पैदा हुए पेयजल संकट को लेकर पानी सप्लाई करने वाली कंपनी SJPNL को जिम्मेदार ठहराया था। कंपनी पर आरोप थे कि शिमला के लिए गिरी नदी से आ रही पानी की मेन लाइन को फागू से पहले बीच में ब्रेक कर निर्माणाधीन होटल के लिए पानी सप्लाई किया जा रहा था। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा तो SJPNL को आज पेयजल किल्लत को लेकर सफाई देनी पड़ी। गुरुवार को कंपनी के जीएम अनिल जमवाल ने कहा कि गुम्मा परियोजना में पहली बार दिक्कत आई जिसकी वजह से वहां से रेगुलर मिलने वाली सप्लाई नहीं मिल पाई। इसकी वजह से संकट खड़ा हुआ। शिमला के लोगों को हर तीसरे दिन पानी सप्लाई देने के लिए 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पानी की क्षमता बढ़ाने के लिए उनकी टीम काम कर रही है।
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जाहिर है शिमला में पानी को लेकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ थी। यहां तक कि लोग खाली बर्तन लेकर सड़कों पर उतर आए थे। लोगों का आरोप था कि पानी की सप्लाई सही होने के बावजूद कंपनी कुछ चहेतों को पानी दे रही है और आम जनता को तंग किया जा रहा है। मामला तूल पकड़ते देखकर SJPNL ने आज अपना पक्ष रखा। कंपनी के जनरल मैनेजर जमवाल ने कहा कि चाबा की पेयजल परियोजना 11 जून को आंधी-तूफान की वजह से प्रभावित हुई। इसे बनाने में 23 घंटे लगे इसीलिए पानी की सप्लाई हर चौथे दिन करनी पड़ी। भराड़ी में पानी की लाइन में कंकड़ फंस जाने से वहां सप्लाई ठप हुई। यह बात सभी को समझनी होगी कि जब सिस्टम में खराबी आती है तो पानी सप्लाई नहीं दी जा सकती। हालांकि अब SJPNL समेत पूरी टीम को निर्देश दे दिए गए हैं कि अब हर तीसरे दिन पानी की सप्लाई दी जाए।
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