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शादीशुदा लोगों के लिए पैसा बचाने की ट्रिक, टैक्स होगा कम, मिलेगा रिटर्न
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) (Employees Provident Fund Organization) (EPFO) खाताधारकों के लिए बड़ी खबर है। पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेश का एक बेहद पुराना और भरोसेमंद जरिया है, इसमें न सिर्फ बढ़िया रिटर्न मिलता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है। पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।
बता दें कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) (Public Provident Fund) (PPF) एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट (E-E-E) कैटेगरी में आने वाला निवेश है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता है। पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी तय की गई है।
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निवेश पर टैक्स की छूट
पीपीएफ में निवेशकों को एश्योर्ड रिटर्न और इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर इनकम टैक्स छूट भी मिलती है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि पीपीएफ निवेश की लिमिट खत्म होने के बाद भी निवेशक के पास पैसे बचे रहते हैं और उसे निवेश के विकल्प की तलाश रहती है।
शादीशुदा लोगों के लिए ट्रिक
बता दें कि एक विकल्प शादीशुदा लोगों को पीपीएफ खाते में अपना योगदान को दोगुना करने का मौका भी देता है। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर निवेशक शादीशुदा है, तो वो अपनी पत्नी या पति के नाम पर पीपीएप अकाउंट खोलकर उसमें अलग से 1.5 लाख रुपए और निवेश कर सकता है। जब भविष्य में आपके पार्टनर का पीपीएफ खाता मैच्योर होगा, तब आपके पार्टनर के पीपीएफ खाते में आपके शुरुआती निवेश से होने वाली आय को आपकी आय में हर साल जोड़ा जाएगा।
ऐसे होती है निवेश की सीमा दोगुनी
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने से निवेशक के पीपीएफ निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, लेकिन इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपए ही होगी।
निवेश पर मिलेंगे ये फायदे
बता दें कि चाहे आपको इनकम टैक्स में छूट 1.5 लाख रुपए मिले, लेकिन इसके दूसरे कई फायदे भी हैं। पीपीएफ निवेश की लिमिट दोगुनी होकर 3 लाख रुपए हो जाती है। एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट कैटेगरी में आने के कारण निवेशक को पीपीएफ के ब्याज (Interest)
और मैच्योरिटी अमाउंट (Maturity Amount) पर टैक्स छूट मिलती है।
क्लबिंग प्रावधानों का असर
इनकम टैक्स के सेक्शन 64 के तहत आपकी ओर से पत्नी को दी गई किसी राशि आपकी इनकम में जोड़ी जाएगी, लेकिन पीपीएफ के मामले में क्लबिंग (Clubbing) के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है। यानी पीपीएफ में निवेश की गई राशि E-E-E के कारण पूरी तरह से टैक्स फ्री है।
बेहतर विकल्प
पीपीएफ ऐसे लोगों के लिए बेहतर विकल्प बताया जाता है, जो कम जोखिम उठाना चाहते हैं और एनपीएस, म्यूचुअल फंड जैसे मार्केट लिंक्ड निवेश नहीं करना चाहते हैं।
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