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Big Breaking: हिमाचल में 18-44 वर्ष के आयु वर्ग वालों को 17 मई से लगेगा Corona का टीका
शिमला। हिमाचल प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के लोगों का वैक्सीन ( vaccine) को लेकर इंतज़ार खत्म हो चुका है, इस आयु वर्ग के लोगों को 17 मई से वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि खुद को इसके लिए पंजीकृत करवा चुके लोगों को पहले आओ पहले आओ आधार पर वैक्सीन (Vaccine) लगाई जाएगी। प्रदेश सरकार को 18-44 वर्ष के आयुवर्ग के टीकाकरण के लिए भारत सरकार के सीरम संस्थान पुणे ( Serum Institute Pune) से वैक्सीन की 1,07,620 खुराक आज हवाई मार्ग द्वारा चंडीगढ़ पहुंच गई है, जिसे सड़क मार्ग से शिमला लाया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य को प्राथमिकता वाले समूहों, जिनमें स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता तथा 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोग शामिल हैं, के टीकाकरण के लिए कोविशील्ड वैक्सीन ( Covshield vaccine) की 1,50,000 खुराक भी प्राप्त हुई है। कोरोना के इन टीकों को शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में वितरित किया जाएगा। सीएम जयराम ने कहा कि कोरोना कर्फ़्यू (Corona curfew)की सख्ती के आने वाले दिनों में असर दिखना शुरू हो जाएगा। आने वाले दिनों में इसका विश्लेषण करने के बाद अगला फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ब्लैक फंगस (Black fungus) का कोई मामला नहीं है, इस पर सरकार की कड़ी नजर है।
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हिमाचल सरकार ने कोविड परीक्षणों को बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों तथा प्रयोगशालाओं को आरटी.पीसीआर परीक्षण( RT-PCR test) की अनुमति प्रदान की है। प्राइवेट अस्पतालों व निजी प्रयोगशालाओं में आरटी- पीसीआर परीक्षण करने के लिए शुल्क दरें भी निर्धारित की गई हैं। प्राइवेट अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ( Private Hospitals & Laboratories) को जीएसटी, परिवहन पैकिंग, पीपीई किट सहित अन्य प्रकार के खर्चों को मिलाकर प्रति सैंपल 500 रूपए तथा घर से सैंपल एकत्रित करने के लिए 750 रुपए निर्धारित किए हैं। प्राइवेट अस्पताल और प्रयोगशालाएं इन दरों से अधिक राशि नहीं ले सकेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन( NRHM) निदेशक डॉ. निपुण जिंदल के मुताबिक सरकारी क्षेत्र में भी कोरोना टेस्ट करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से आरटी.पीसीआर टेस्ट शुरू करने का मामला उठाया है तथा राज्य में मौजूदा प्रयोगशालाओं में नई मशीनें लगाकर कोरोना टेस्ट क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।