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#FarmersProtest : किसान कृषि कानूनों के फायदों पर चर्चा भी करते, 26 जनवरी को ना करें प्रदर्शन
नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Agricultural Laws) को लेकर धरने पर बैठे किसानों (Farmers Protest) और सरकार के बीच बात नहीं बन रही है। इस बीच अब एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Narendra Singh Tomar) ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कोई अदृश्य ताकत है जो नहीं चाहती की समाधान (Solution) हो। कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) ने कहा कि किसान बैठक में कृषि कानूनों के फायदों (Benefits of Agricultural Laws) पर चर्चा तक नहीं करते सिर्फ एक ही बात कहते हैं कि कानून रद्द (Law Abrogation) किए जाएं।
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इसके अलावा किसान प्रदर्शनों से जुड़े लोगों को एनआईए द्वारा नोटिस भेजे जाने के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसी भी चीज़ को किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार तभी से किसानों की समस्याओं का समाधान करने के प्रयास कर रही है जबसे किसान पंजाब में प्रदर्शन कर रहे थे और पटरियों पर बैठे थे। कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन में किसानों की प्रतिष्ठा को आघात ना पहुंचे सरकार इस बात का भी ख्याल रख रही है।
किसान आंदोलन के मुद्दों के समाधान हेतु, भारत सरकार ने 11 दौर में लगभग 45 घंटे किसान यूनियनों के साथ विमर्श किया।
दोनों पक्षों में सहमति के अभाव के कारण वार्ता आज स्थगित हो गई, इसका मुझे दुःख है।
आशा है किसान संगठन बड़े मन से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करेंगे।https://t.co/esQ5tjfgWO pic.twitter.com/2pCag1oGH0— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 22, 2021
किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर नरेंद्र तोमर ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है। आंदोलन के लिए साल में 365 दिन हैं। उन्होंने कहा कि किसान किसी भी दिन अपनी ताकत दिखा सकते हैं। कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि रैली के लिए कोई और दिन चुनें। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यदि किसान गणतंत्र दिवस पर रैली करते भी हैं तो ये पूरी तरह से अनुशासन में होगा।