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Himachal : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की जेल, 55 हजार जुर्माना
नाहन। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले (Rape Case) में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र शर्मा की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए पोस्को एक्ट व आईपीसी की धारा 376 के तहत 10 साल का कठोर कारावास ( imprisonment) और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, आईपीसी की धारा 506 के तहत अदालत (Court) ने दोषी को एक साल का साधारण कारावास व पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जिला न्यायवादी भीमानंद शांडिल ने बताया कि वर्ष 2017 अप्रैल-मई में जब पीड़िता आठवीं कक्षा पास कर नवीं कक्षा में गई तो एक दिन गांव के समीप जंगल में घास काटने वक्त आरोपी चंद्रमणि पुत्र रामदयाल निवासी कालरिया, डाकघर जरग, तहसील संगड़ाह ने उससे दुष्कर्म किया। साथ ही आरोपी ने वारदात के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। लिहाजा, शर्म व डर के कारण नाबालिग किसी को कुछ नहीं बता पाई।
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इसके बाद भी आरोपी ने नाबालिग के साथ तीन.चार बार दुष्कर्म किया। जून 2018 में जब पीड़िता के पेट में दर्द हुई तो उसके परिजनों से ददाहू अस्पताल ले गए, जहां से उसे नाहन मेडिकल कॉलेज (Medical Collager) रेफर कर दिया। जहां, पीडि़ता ने 10 जून को मेडिकल कॉलेज में शिशु को जन्म दिया। पीड़िता ने बच्चे के पिता का नाम चंद्रमणि बताया तो तत्कालीन एसएचओ संगड़ाह विरोचन नेगी ने फरार हुए आरोपी चंद्रमणि को नाकाबंदी के दौरान गिरफ्तार (Arrest) कर लिया। उसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन का पुलिस रिमांड दिया गया। इसके बाद आरोपी को जेएमआईसी की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मिली। इसके बाद यह मामला तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को आगामी तफ्तीश के लिए सौंपा गया। लिहाजा, पुलिस ने तफ्तीश पूरी करने के बाद अदालत में चालान पेश किया। शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेंद्र शर्मा की अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी चंद्रमणि को दोषी करार देते हुए 10 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है।