-
Advertisement
मंत्री जी ने भी रखी शर्त पहले हड़ताल खत्म करें जिप कैडर कर्मी, फिर कल करेंगे बात
Last Updated on July 4, 2022 by sintu kumar
ऊना। सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाने और विभाग में विलय करने की मांग को लेकर पिछले 10 दिन से हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक नई शर्त रख दी है। सोमवार को बीजेपी के जिला अध्यक्ष और बीडीसी सदस्य मनोहर लाल शर्मा खंड विकास कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के पास पहुंचे। करीब दर्जनभर बीडीसी सदस्यों के साथ कर्मचारियों से मुलाकात करने पहुंचे मनोहर लाल शर्मा ने कर्मचारियों को सरकार का संदेश देते हुए जल्द इस मसले पर वार्ता होने की बात कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इन कर्मचारियों के प्रदेश प्रतिनिधित्व को साथ लेकर मंगलवार को ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही है, ताकि हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर इसे जल्द खत्म करवाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने मंत्री द्वारा दिए गए पैगाम में यह भी साफ किया कि कर्मचारियों को बातचीत से पहले अपनी हड़ताल खत्म करनी होगी। अन्यथा बातचीत के रास्ते बंद भी हो सकते हैं। दूसरी तरफ कर्मचारियों ने अपनी मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि वह किसी भी वित्तीय लाभ के लिए पेन डाउन स्ट्राइक पर नहीं बैठे अपितु उनकी केवल मात्र एक मांग खुद को सरकार के कर्मचारी घोषित करवाने की है।
यह भी पढ़ें- सिरमौर में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, दूध-दही-पनीर के सैंपल फेल
दूसरी तरफ हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों ने सरकार से जल्द उनकी मांगों पर विचार करते हुए उन्हें पूरा करने की मांग उठाई है। कर्मचारियों में चरणजीत सिंह और पूनम कालिया ने बताया कि 22 वर्ष की सेवाएं देने के बावजूद वह अभी तक सरकार के कर्मचारी नहीं बन पाए हैं जबकि सरकार के करीब 29 विभागों की योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायती राज संस्थाओं में उन्हीं के जरिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि 22 वर्ष की सेवाएं देने के बाद भी वे केवल मात्र एक संस्था के कर्मचारी ही कहला रहे हैं जबकि इतने समय में अनुबंध या फिर दैनिक भोगी के रूप में सरकार की नौकरी प्राप्त करने वाले कर्मचारी भी नियमित सरकारी कर्मचारी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी प्रकार की वित्तीय मांग को सरकार के समक्ष नहीं उठा रहे उनकी केवल मात्र एक ही मांग है कि उन्हें सरकार के कर्मचारी घोषित किया जाए। वहीं उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि मांग पूरी ना होने तक उनकी यह पेन डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी।