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हिमाचल में जेलों की दुदर्शा पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, मांगी जानकारी
शिमला। जेलों की दुर्दशा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दिशा-निर्देशों के तहत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (HP High Court) ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नालागढ़ (Nalagarh) की किशनपुरा जेल में उचित स्टाफ, पानी की व्यवस्था और सीमा दीवार बनाने के बारे में जानकारी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने जेलों की दुर्दशा से जुड़े मामले में ये आदेश पारित किए। मामले पर आगामी सुनवाई 26 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पाया था कि देशभर में 1382 ऐसी जेलें है, जिनकी हालत बिलकुल ख़राब है। इन जेलों को रहने लायक नहीं माना गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के सभी मुख्य न्यायाधीशों को निर्देश दिए थे कि वे इस बारे में संज्ञान ले और सुप्रीम कोर्ट को अवगत करवाए।
हाईकोर्ट ने समय-समय पर दिए आदेश
नालागढ़ स्थित किशनपुरा (Kishanpura Jail) में नव निर्मित जेल की सीवरेज व्यवस्था, उचित स्टाफ और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए अदालत ने समय-समय पर आदेश पारित किए थे। सेंट्रल जेल कंडा में एक महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के आदेश पारित किए थे ताकि महिला कैदियों की हर सप्ताह चिकित्सा हो सके। कैदियों की ओर से निर्मित उत्पाद की बिक्री पर टैक्स में छूट देने के लिए राज्य सरकार को विचार करने के आदेश दिए गए थे। खंडपीठ ने न्यायालय परिसर व जिलाधीश कार्यालय में कैदियों की ओर से निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए आउटलेट प्रदान किये जाने के भी आदेश दिए थे। मॉडल जेल कंडा में वेंडिंग मशीन के माध्यम से सैनिटरी नैपकिन की सुविधा प्रदान करने पर भी विचार करने को कहा गया था। राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मनोरंजन और खेल गतिविधियां के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराने पर विचार करने के आदेश दिए गए थे।
इतने पदों पर होगी भर्ती
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 6 जून 2023 को जेल वार्डर के 69 पदों को भरने की स्वीकृति मिल गई है। इसके अतिरिक्त किशनपुरा जेल के लिए 20 विभिन्न पदों को भरने की मंजूरी भी दी गई है। इसमें उप अधीक्षक जेल का एक पद, मुख्य वार्डर के दो, वार्डर (पुरुष) के 16 और जोओए (आईटी) का एक पद स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा गृह रक्षकों के 20 जवानों को नव निर्मित जेल में सेवाएं देने के लिए तैनात किया गया है। जेल की सीमा दीवार के निर्माण के लिए 23.72 लाख और सिवेज लाइन बिछाने के लिए 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए है।
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