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पांवटा किसान महापंचायत : राकेश टिकैत ने कहा हिमाचल ठंडा प्रदेश, इसे गर्माना पड़ेगा
नाहन। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को एकजुट करने और आंदोलन को धार देने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत देश के अलग-अलग राज्यों में महापंचायतें कर रहे हैं। इसी तरह आज राकेश टिकैत पांवटा साहिब में किसान महापंचायत (Paonta Kisan Mahapanchayat) में पहुंचे। यहां उन्होंने जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और किसान आंदोलन के लिए सर्मथन भी मांगा। भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) में किसानों को संबोधित कर रहे थे। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की रैली के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किए तो उन्होंने अपने चिरपरिचित चुटीले अंदाज में ही जवाब दिए।
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राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि पांवटा क्यों आए हैं और हिमाचल (Himachal) से क्या चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के भी किसान का भी हमें सहयोग चाहिए। टिकैत ने कहा कि हिमाचल के सेब पर कंपनियों ने कब्जा कर लिया है वो बचाने आए हैं। कोरोना काल में भी हिमाचल में किसान महापंचायत करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बंगाल में नहीं है क्या कोरोना गाइडलाइन। टिकैत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत 2023 में होगा। संसद जब गूंगी और बहरी हो जाती है तो सड़क से आवाज उठती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान और सरकार की अगली बातचीत का लाइव टेलीकास्ट हो।
हिमाचल से किसानों के समर्थन को लेकर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हिमाचल ठंडा प्रदेश है इसे गर्माना पड़ेगा, हिमाचल में एक आंसू गैस का गोला नहीं चला। हिमाचल के लोग भी शांत हैं और फोर्स भी शांत है। कंगना रनौत के किसानों को आतंकवादी कहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो कौन है देखी नहीं कभी। इसके अलावा उन्होंने हिमाचल के किसानों को ट्रांसपोर्ट सबसिडी देने की बात भी उठाई।
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि कोविड आ जाए, चाहे कोविड की सारी रिश्तेदारी आ जाए प्रदर्शन और धरने खत्म नहीं होंगे। टिकैत ने कहा 2021 का साल आंदोलन का वर्ष है। उन्होंने कहा कि पहाड़ के किसानों को भी दिल्ली आंदोलन में शामिल होने की आवश्यकता है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित महापंचायत में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये शाहीन बाग का आंदोलन नहीं है, जो कोरोना के आने से खत्म हो जाएगा। यह किसानों का आंदोलन है जो जारी रहेगा, चाहे देश में कर्फ्यू लगा दिया जाए या फिर लॉकडाउन ही क्यों न लगे। ट्रिपल टी का नारा देते हुए टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर, ट्विटर व टैंक ही देश को बचाएंगे।
टिकैत ने दिया ट्रिपल टी का नारा
उन्होंने कहा कि किसान ट्रैक्टर के लिए तैयार रहें तो युवा ट्विटर को हैंडल करें। वहीं देश का जवान टैंकर से दुश्मन देशों के दांत खट्टे करवाएगा। उन्होंने 2004 के बाद सरकारी कर्मचारियों की बंद की गई पेंशन पर भी सरकार को घेरा। टिकैत ने कहा कि पीएम ने अपील की थी कि एलपीजी की सबसिडी सरेंडर कर दो तो अब देश हित में सांसदों व विधायकों से पेंशन सरेंडर करने की अपील करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भी धर्म को मानते हैं, मगर मोदी सरकार ने सात साल से देश को एक मंदिर के निर्माण में ही घुमा रखा है। टिकैत ने आरोप लगाया कि गुजरात में रिलायंस को 60 गांवों की जमीन आम की खेती के लिए दे दी गई। एक साजिश के तहत किसानों को सुप्रीम कोर्ट तक हरवा दिया गया। टिकैत ने कहा कि आंदोलन को कुचलने के लिए एक गाइडलाइन बनी हुई है। कड़े शब्दों में टिकैत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को किसान विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।
पहाड़ी किसानों के लिए बने पॉलिसी
राकेश टिकैत ने कहा कि पहाड़ के किसान को मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करे। इसमें ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बना कर फसल मंडी तक पहुंचाने के लिए सबसिडी दी जाए। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान पहुंचाने के लिए किसानों को मुआवजा दे। कहा कि सरकार बनाने का काम सड़कें व विकास करने का काम होता है लेकिन साथ साल से सरकार का काम मंदिरों बनाने में बीत गया। जब तक केंद्र सरकार तीन कृषि कानून को वापिस नहीं करेगा तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर सरदार गुरनाम सिंह, बलबीर सिंह, अभिमन्यु, डॉ. दर्शन पाल आदि कई नेता उपस्थित रहे।
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