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उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद आद शनिवार को छठ पूजा ( Chhath Puja)संपन्न हो गई है। छठ पूजा मनाने वाले व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर कड़ी साधना करके सूर्य से अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की।
देश के विभिन्न शहरों में सूर्य को अर्घ्य दिया गया। महिलाओं ने छठी मइया और सूर्य भगवान से अपनी संतानों, पति व परिवार की खुशियां मांगीं। इसके बाद उन्होंने अपने निर्जल व्रत का पारायण किया।
पटना में गंगा किनारे घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लोग कल रात से ही जुटे थे। आखिरी दिन के अर्घ्य को लोग ऊषा अर्घ्य के नाम से जानते हैं। सूर्य के निकलने के साथ ही व्रत रखने वालों के चेहरों पर खुशी छा गई। ठंड पर आस्था भारी पड़ी। महिलाओं ने पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया और विधि-विधान से पूजन कर बड़ों का आशीर्वाद लिया। वाराणसी में गंगा घाट पर लोगों ने बड़ी संख्या में आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा किया। इस दौरान उगते सूर्य और आस्था के सैलाब का अद्भुद नजारा देखने को मिला।दिल्ली, गाजियाबाद जैसे शहरों में कई जगह लो टब में पानी भरकर अपने घरों की छतों पर सूर्य को अर्ध्य देते दिखे। वहीं कुछ लोग घर के सामने गड्ढे में पानीभरकर छठ पूजा संपन्न की। यमुना घाटो पर छठ पूजा के लिए जन सैलाब में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति पूरी तरह से लापरवाही दिखी। मास्क और शारीरिक दूरी जैसी जरूरी चीजों का ध्यान तक लोगों ने नहीं रखा हुआ था।
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