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Important: पंचायतों में Audit करवाने पर लगी रोक, कारण जानने के लिए करें क्लिक
Last Updated on June 21, 2020 by saroj patrwal
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पंचायतों में ऑडिट करवाए जाने पर रोक लगा दी गई है। हर साल पंचायतों को स्थानीय ऑडिटर (Local auditor) से ऑडिट करवाना होता है। लेकिन कोविड-19 के चलते इस मर्तबा सरकार ने अगले आदेश तक इसे रोक दिया है। पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक केवल शर्मा के मुताबिक पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) कोविड-19 के चलते इसी से संबंधित कार्य में व्यस्त हैं, ऐसे में ऑडिट नहीं करवाया जा सकता है। इसे अब आगे कब करवाया जाएगा,ये परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
पूरे लेखा-जोखा की होती है पड़ताल
मार्च माह से कोविड-19 (Covid-19)के प्रकोप के चलते पंचायत सचिव व अन्य कर्मचारी क्वारंटाइन किए गए लोगों के साथ समय बिता रहे हैं। ऐसे में ऑडिट करवाना संभव नहीं हो पा रहा है। स्थानीय ऑडिट (Audit) में पंचायतों के आय.व्यय को जांचने के साथ किए गए कार्यों का ऑडिट होता है। केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत हर साल पंचायतों का ऑडिट करवाया जाना जरूरी किया हुआ है। ऑडिट के माध्यम से पूरे लेखे-जोखे की पड़ताल होती है कि राशि व्यय कहां-कहां हुई है।
साल में एक बार करवाया जाता है ऑडिट
पंचायतों (Panchayat) का ऑडिट स्थानीय ऑडिटरों के द्वारा किया जाता है। इसके लिए उन्हें पांच से सात हजार रूपए की सालाना फीस भी देय रहती है। हर साल एक बार यह ऑडिट करवाना जरूरी है। 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का अंत होता है लेकिन इस बार 22 मार्च से चल रहे लॉकडाउन (Lockdown) के बाद सब बंद पड़ा है। अधिकतर कर्मी कोविड-19 से संबंधित कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं। इसके चलते ये ऑडिट अब आगे के लिए सरका दिया गया है।
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