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धर्मशाला। उत्तर भारत की महिला विधायकों का सम्मेलन बुधवार से धर्मशाला (Dharamshala) में शुरू हो गया है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी और राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से लैंगिक समानता (Gender Equality) विषय पर होने वाले इस सम्मेलन में उत्तर भारत के 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की महिला विधायक शामिल हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने नेतृत्व कौशल में सुधार के लिए आयोग के अखिल भारतीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम शी इज ए चेंजमेकर परियोजना के तहत निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (विधायकों) के लिए धर्मशाला के निजी होटल में तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ वर्चुअल माध्यम से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandi Ben Patel) ने करते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के जीवन में अनुशासन अत्यंत जरूरी है, इसके साथ ही समाज के प्रत्येक व्यक्ति के प्रभावी विकास को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों को सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष (National Commission for Women) रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन सशक्त महिला नेतृत्व, सशक्त लोकतंत्र के विचार से किया गया है । उन्होंने कहा कि हर महिला एक नेता है और महिला को नेतृत्व सिखाने की कोई जरूरत नहीं केवल कौशल को निखारने की जरूरत है इसलिए, इस कार्यक्रम की अवधारणा और विकास महिला नेताओं के क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। एलबीएसएनएए ने अपने मुख्य भाषण में महिला शक्ति की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण की महत्वपूर्णता पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि महिलाओं को सौंपी गई रूढ़िवादी भूमिकाओं को तोड़ने का समय आ गया है और इसके लिए महिलाओं को भी अहम भूमिका निभानी होगी उन्होंने निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशाला की पहल करने के लिए राष्ट्रीय लिंग और बाल केंद्र, एलबीएसएनएए और राष्ट्रीय महिला आयोग के बीच सार्थक सहयोग के लिए टीम को बधाई दी वर्कशॉप में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड राज्यों के 29 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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