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बेटियां भी कर सकती हैं पितरों के पिंडदान, बस इस बात का रखें ध्यान
Last Updated on September 12, 2022 by Neha Raina
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha) को काफी अहम माना जाता है। पितृपक्ष के दौरान विधि-विधान के साथ पितरों का श्राद्ध करते हैं ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिल सके। शास्त्रों के अनुसार, पितरों के लिए पिंडदान करने का काम घर में बेटों या पुरुषों को करना चाहिए। हालांकि, जिस घर में बेटे ना हो वहां बेटियां भी पिंडदान कर सकती हैं।
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कहा जाता है कि पिंडदान ना करने से आत्माओं को सांसारिक बंधनों से मुक्ति नहीं मिलती और वे इस भूलोक में भटकती रहती हैं। ऐसे में उनकी आत्मा की शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान और श्राद्ध करना जरूरी माना गया है। जिन घर में बेटे नहीं होते वहां बेटियां इस विधि सम्मत पिंडदान कर सकती हैं।
पढ़ें पूरी विधि
पितृ पक्ष के दौरान सफेद कपड़े पहने और जिस दिन आपको उनका श्राद्ध कर्म करना हो उस दिन खोये या जौ के आटे के पिंड बना लें। इसके बाद फूल, चंदन, कच्चा सूत, तिल, जौ, दही, फल, मिठाई और अगरबत्ती के साथ पिंडदान कर दें। फिर पिंडदान करने के बाद अपने पितरों को याद करें और भगवान से उनकी आत्मा की शांति की कामना करें। इसके बाद पिंड को सम्मान के साथ जल में प्रवाहित कर दें।