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बिलासपुर। हिमाचल में रिश्वत लेने के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। बीएड कॉलेजों के निरीक्षण के आई टीम को रिश्वत के साथ पकड़ने के बाद अब बिलासपुर से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। नेशनल क्वालिटी मॉनीटरिंग ( National Quality Monitoring)के लिए दिल्ली से हिमाचल आए एक अधिकारी को विजिलेंस बिलासपुर की टीम (Vigilance Bilaspur team) ने दो लाख की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। ये सारी कार्ऱवाई देर रात को हुई है।
बताया जा रहा है कि यह अधिकारी मूल रूप से राजस्थान का निवासी है और हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और मंडी की सड़कों की निरीक्षण के लिए यहां आया था। अधिकारी गांवों में बन रही अटल ग्रामीण सड़क योजना की जांच करता था। डीएसपी विजिलेंस संजय कुमार के अनुसार पुलिस ने शनिवार रात को अधिकारी को रंगे हाथ रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह अधिकारी सड़कों की सही इंस्पेक्शन रिपोर्ट को लेकर रिश्वत की मांग कर रहा था।
बिलासपुर में पकड़ा गया दिल्ली का अधिकारी मंडी जिला के चार उपमंडलों में सड़कों की जांच कर चुका है। राजस्थान के कोटा के रहने वाले राधेश्याम झाबर को विजिलेंस ने शनिवार को बिलासपुर में पकड़ा था। वह राजस्थान लोक निर्माण विभाग से बतौर अधीक्षण अभियंता यानी एसई के पद से सेवानिवृत्त हुआ है और वर्तमान में नेशनल क्वालिटी मानीटरिंग में बतौर अधिकारी तैनात है। अब उसके द्वारा जांची गई सड़कों की रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में आ गई है। राधेश्याम 10 दिन पहले मंडी जिला के सुंदरनगर, मंडी, करसोग और गोहर में सड़कों का निरीक्षण कर गया था। इसमें करसोग की एक सड़क जौंध-शौट के निरीक्षण के दौरान उसने अनसेटिसफाई बताया था। इसके अलावा गोहर की सैगली-ब्रारकटा सड़क का भी निरीक्षण किया था। मंडी और सुंदरनगर में भी दो सड़क मार्गों की जांच की है।
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