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नादौन। हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे साफ हो गया है कि लोग कोरोना के चलते मानसिक तौर पर भी परेशान हो चुके हैं। इसी परेशानी का नतीजा है कि परिवार के सदस्य की मौत के बाद उसके शव की पहचान भी ठीक से नहीं कर पाए। इसके चलते किसी दूसरे का ही शव अंतिम संस्कार के लिए आ गया। जब संस्कार करने लगे तो पता चला कि शव (Corona Died Bodies) की पहचान ही गलत हो गई। इसके चलते अंतिम संस्कार के लिए करीब दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
मामला नादौन (Naduan) के निकटवर्ती मण पंचायत का है जहां एक 67 वर्षीय वृद्ध का देहांत मंगलवार सांय हो गया था, परिजनों ने हमीरपुर जाकर शव की पहचान कर ली, परंतु जब बुधवार सुबह शव पंचायत में लाया गया, तो यह शव किसी और का निकला। पता चला है कि नादौन क्षेत्र में संक्रमण के कारण हुई मौतों के चलते बुधवार को तीन लोगों के शव लाए गए। इस वाहन में मण पंचायत तथा भरमोटी पंचायत के 2 लोगों के शव लाए गए थे। जो शव मण में लाया गया वह गौना करौर क्षेत्र के वृद्ध का था। एंबुलेंस चालक ने पहले भरमोटी में तथा बाद में करौर क्षैत्र में शव पहुंचाया और वापिस हमीरपुर जाकर मण पंचायत के मृतक का शव लेकर आया। इस दौरान मण में अंतिम संस्कार के लिए करीब 2 घंटे की देरी हुई। इस संबंध में एसडीएम विजय धीमान (SDM Vijay Dhiman) ने बताया कि तीनों शवों को संबंधित पंचायतों में पहुंचा कर कोविड-नियमों के तहत अंतिम संस्कार करवा दिया गया है।
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