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नड्डा ने दिल्ली छोडी पर हिमाचल में सुनने वाले कम-बगावत का डंस
Last Updated on October 31, 2022 by sintu kumar
हिमाचल विधानसभा चुनाव में इस मर्तबा मंडी जिला (Mandi Distt) की नाचन सीट भी बीजेपी के लिए बवाल बनी हुई है। दो बार से लगातार बीजेपी यहां से चुनाव जीतती आ रही है,लेकिन इस बार बीजेपी को अपने ने ही छलनी करना शुरू कर दिया है। बीजेपी की चिंता ये है कि वर्ष 2017 में प्रदेशभर में सबसे ज्यादा अंतर से इसी सीट पर जीत दर्ज करवाई थी,लेकिन 2022 आते-आते अपने ही बेगाने हो चले। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को दिल्ली छोड़कर हिमाचल बैठना पड़ा, फिर भी उनकी सुनवाई कमतर ही होती दिख रही है। कारण सीधा है कि जब नड्डा किसी की नहीं सुनते तो उनकी अब कोई क्यों सुने। खैर नाचन सीट पर कांग्रेस की नजरे हैं।
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नाचन विधानसभा क्षेत्र (Nachan Assembly Constituency) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सीट नंबर 28 है। इस सीट पर वर्ष 2017 में कुल 62.85 प्रतिशत वोट पड़े थे। बीजेपी से विनोद कुमार ने कांग्रेस के लाल सिंह कौशल को 15,896 वोटों के मार्जिन से हराया था। इस बार के चुनाव की बात करें, तो (Vinod Kumar of Bharatiya Janata Party) बीजेपी ने विनोद कुमार को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस से नरेश कुमार (Naresh Kumar) मैदान में है। आम आदमी पार्टी से जबना चौहान चुनाव लड़ रही हैं। यहां इस बार चुनाव और दिलचस्प हो गया है। दरअसल, इस सीट से तीनों पार्टियों ने चौहान को टिकट दिया है। जबना चौहान (Jabna Chauhan) की बात करें, तो वह मंडी के थरजून गांव की प्रधान थीं। वर्ष 2016 में महज 22 साल की उम्र में प्रधान चुनी गईं, जिसके बाद अब उन्हें आम आदमी पार्टी ने अपना कैंडिडेट बनाया।
इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 77,783 है। नाचन (Nachan) के इतिहास की बात करें तो पांच बार ये सीट बीजेपी की झोली में गई। वर्ष 1977 में इस विधानसभा सीट से जनता पार्टी की ओर से दिले राम को जीत मिली। इसके बाद 1982 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर जीत दर्ज की। वर्ष 1985 में कांग्रेस (Congress) के टेक चंद डोगरा ने जीत हासिल की। फिर 1990 में बीजेपी के दिले राम ने जीत हासिल की। वहीं, 1993 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 1998 का चुनाव हुआ तो कांग्रेस के टेक चंद डोगरा को जीत हासिल हुई और फिर 2003 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद बीजेपी की ओर से 2007 में दिले राम ने और फिर 2012 और 2017 में बीजेपी से विनोद कुमार ने जीत दर्ज करवाई। इस बार बीजेपी के विनोद कुमार के सामने ज्ञानचंद ने बागी बनकर ताल ठोक दी है।