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शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal HighCourt) में नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के पुनःसीमांकन व चुनावों के लिए जारी रिजर्वेशन रोस्टर में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को बहस हुई। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को सुनवाई हुई। बाकी सुनवाई कल यानी 13 मई को भी जारी रहेगी। कोर्ट (Court) ने इस मामले पर शिमला नगर निगम के नाभा वार्ड की पार्षद सिमी नंदा द्वारा दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यथास्थिति बनाये रखने के आदेश पारित किए थे। प्रार्थी ने नगर निगम शिमला के आगामी चुनाव के लिए बनाए पुनःसीमांकन व रिजर्वेशन रोस्टर को कोर्ट में चुनौती दी है। प्रार्थी ने याचिका में शहरी विकास विभाग सहित डीसी शिमला, चुनाव आयोग व एसडीएम शहरी व ग्रामीण शिमला को भी प्रतिवादी बनाया है। प्रार्थी का आरोप है कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाने व रिजर्वेशन रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पूर्णतया पालन नहीं किया और ना ही हाईकोर्ट के इस संदर्भ में पारित निर्देशों का पालन किया है।
प्रार्थी के अनुसार कोर्ट ने सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि लोकतांत्रिक चुनावों की प्रक्रिया आरम्भ करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम 3 महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए। जिससे सभी पीड़ित पक्ष समय पर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सके व जरूरत पड़ने पर समय रहते वे अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने हाल ही में नगर निगम शिमला का पुनःसीमांकन कर कुल 41 वार्ड बनाने की अधिसूचना जारी की है और इन वार्डों में चुनाव से जुड़े रिजर्वेशन रोस्टर (Reservation Roster) की अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है। मामले पर सुनवाई 13 मई को भी जारी रहेगी।
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