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हाईकोर्ट की शिमला जल प्रबंधन निगम को फटकार- पूछा 4 साल में क्या किया
Last Updated on June 14, 2022 by Vishal Rana
शिमला। स्मार्ट सिटी शिमला में पानी की कमी को लेकर एक बार फिर से हाहाकार मच गया है। राजधानी के कई इलाकों में 4 से 5 दिन बाद भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। लोग बावड़ियों का गंदा पानी पीने को मजबूर हो गए हैं। हालत एक बार फिर से 2018 जैसे ही हो गए हैं, जिसको देखते हुए हाईकोर्ट ने शिमला जल प्रबंधन निगम को फटकार लगाते हुए एक हफ्ते में संतुष्टजनक जवाब दायर करने को कहा है।
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शिमला में पानी की कमी को लेकर अधिवक्ता विजय अरोड़ा की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिमला जल प्रबंधन निगम से पूछा है कि कंपनी ने चार साल में पानी की कमी को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं । क्यों लोग पानी के लिए त्राहि त्राहि माम कर रहे हैं। जिस पर जल प्रबंधन निगम संतोष जनक जवाब नहीं दे सका। हाई कोर्ट ने शिमला जल प्रबंधन निगम को ठोस प्लान के साथ एक हफ्ते में जवाब दायर करने को कहा है। साथ ही ऐसे भूमि मालिकों पर शिकंजा कसने को कहा है जो पानी को बेच रहे हैं ।कोर्ट ने कहा है कि पानी के स्रोतों पर किसी का निजी कब्जा नहीं हो सकता है। यह देश की संपति है इसलिए नगर निगम को इनसे कब्जा हटाने के भी निर्देश दिए हैं ताकि स्थानीय लोगों को उन स्त्रोतों से पानी की आपूर्ति दी जा सके। मामले की अगली सुनवाई 22 जून को तय की गई है।
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