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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट( Himachal High Court) ने राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों ( सीएचसी) में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ ( Doctors and Para Medical Staff)की कमी के मुद्दे को लेकर दायर याचिकाओं में प्रदेश सरकार को ताज़ा स्टेटस रिपोर्ट( Status report) दायर करने के आदेश दिये। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने पीएससी एवं सीएचसी( PSC & CHC) में सफाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार से शपथ पत्र दायर करने को कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि अधिकांश सीएचसी एवं पीएचसी में सफाई कर्मचारी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
जनहित में दायर किये गये मामले में मेडिकल स्टाफ (medical staff)की कमी के मुद्दे पर प्रकाश डाला गया है। प्रार्थी की ओर से कहा गया कि स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की भारी कमी है। राज्य द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं। भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों के दिशानिर्देशों के अनुसार भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की कमी है। अदालत ने बलवंत सिंह ठाकुर व दविंदर शर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर ये आदेश पारित किए। जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घन्नाहट्टी (शिमला) व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ननखड़ी में मेडिकल स्टाफ की कमी को उजागर किया गया है। जनहित में दायर याचिकाओं को विस्तार देते हुए कोर्ट ने राज्य के सीएचसी व पीएचसी में डॉक्टरों और कर्मचारियों की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी थी।
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