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टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो भर लेना ITR -मिलेगा ये लाभ
क्या आप इनकम टैक्स रिर्टन यानी आईटीआर (ITR)भरते हैं,अगर हां तो ठीक अगर ना तो भर लेना। अगर आप टैक्स (Tax)के दायरे में नहीं भी आते हैं, तब भी आईटीआर भरने (Filling the ITR)के फायदे ही फायदे (Benefits)हैं। इससे लोन लेने में आसानी होती है तो खुद का बिजनेस शुरू करने में मदद मिलती है। आईटीआर एक ऐसा दस्तावेज है,जिसे बैंक आंख बंद करके मान लेता है। क्योंकि ये ही तो आपकी इनकम का एक प्रूफ होता है। इसे सभी संस्थान भी इनकम प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं।
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भागमभाग वाली जिंदगी में हर कोई स्टेटस सिंबल के तौर पर आलीशान घर व गाड़ी रखना चाहता है। ये सब कुछ लोन पर ही तो निर्भर करता है। इसके लिए यदि आप बैंक (Bank)में जाते हैं तो वहां आपसे पिछले तीन साल की रिसिप्ट मांगी जाती है। अगर आपके पास ये दस्तावेज है तो बैंक आसानी से आपकी फाइल क्लीयर कर देता है। इसी तरह अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो आईटीआर भरना बेदह जरूरी है। आपको ये दस्तावेज कहीं भी काम आएगा। इसलिए जरूरी नहीं है कि आप टैक्स के दायरे में आते हैं,तभी आईटीआर भरें।
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ये एक ऐसा दस्तावेज है,जो आपकी विदेश यात्रा के वक्त भी आपसे मांगा जा सकता है। कई देशों की (Visa Authority) वीजा अथारिटी वीजा के लिए तीन से पांच साल का आईटीआर मांगते हैं। इससे वह ये पता लगाना चाहते हैं कि जो शख्स उस देश में जाना चाहता है उसका आर्थिक स्तर क्या है। इसी तरह इसे एक करोड के बीमा कवर के लिए कंपनियां भी मांग सकती हैं। यानी अब आपस समझ गए होंगे कि आईटीआर फाइल करना क्यों जरूरी है।