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साल के पहले चंद्र ग्रहण के दौरान जानिए सूतक काल और अन्य जरूरी बातें
Last Updated on March 8, 2023 by sintu kumar
वर्ष 2023 में कुल चार ग्रहण लगेंगे,इनमें दो सूर्य ग्रहण (Solar Eclipses) व दो ही चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होंगे। ग्रहण की मान्यता के बारे में सभी जानते हैं। मान्यताओं के आधार पर जिस स्थान से चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है वहां सूतक काल (Sutak) लग जाता है। सूतक काल का अर्थ है वह समय जिसमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है।
4 घंटे और 15 मिनट तक रहेगा ग्रहण
वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) पांच मई को लगेगा। इस दिन वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) पड़ है जिसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। चंद्र ग्रहण के सटीक समय की बात करें तो यह पांच मई की रात 8 बजकर 45 मिनट पर लगेगा और रात एक बजे के करीब हट जाएगा। इस चंद्र ग्रहण का कुल समय 4 घंटे और 15 मिनट बताया जा रहा है।
यह ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा
यह ग्रहण भारत से नहीं देखा जा सकेगा
चंद्र ग्रहण पर सूतक काल लगेगा या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। इस वर्ष लगने वाले चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण भारत (India) से नहीं देखा जा सकेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने पर राहु और केतु (Rahu and Ketu) का साया राशियों पर मंडराने लगता है जिसके चलते सूतक काल का पालन करना पड़ता है। इसके साथ ही, सूतक काल में मंदिर और धार्मिक स्थलों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस समय में भोजन करने, सोने और कपड़े सिलने जैसे कई कार्यों की भी मनाही रहती है। सूतक काल नहीं लग रहा है तो जातकों पर ग्रहण का कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा
इस चंद्र ग्रहण को (Indian Ocean) हिंद महासागर, अंटार्कटिक, अटलांटिक, एशिया के कुछ हिस्सों, दक्षिण और पश्चिमी यूरोप अफ्रीका और प्रशांत महासागर से देखा जा सकता है, इसके अलावा, भारत से इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकता। वहीं, वर्ष 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण वर्ष 2023 का आखिरी ग्रहण होगा। इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अमेरिका और अफ्रीका से देखा जा सकता है।