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डिमणी के लाल शहीद विजय कुमार को नम आंखों से दी अंतिम विदाई
लद्दाख में शहीद हुए हवलदार विजय कुमार गौतम (Martyr Havaldar Vijay Kumar Gautam) को सोमवार को उनके पैतृक गांव डिमणी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। इससे पहले विजय कुमार का पार्थिव शरीर सुबह अन्नाडेल लाया गया। शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी उपस्थित थे।
आज सुबह विजय कुमार गौतम के पार्थिक शरीर को पहले शिमला पहुंचाया गया और फिर सड़क के रास्ते डिमणी ले जाया गया। विजय कुमार गौतम सेना की उस गाड़ी में सवार थे, जो शनिवार को लद्दाख में 60 फीट गहरी खाई (Army Vehicle Fell in to a Gorge in Ladakh) में गिर गई थी। इस हादसे में 9 जवान शहीद हो गए थे। सेना के काफिले में पांच गाड़ियां शामिल थीं, जिसमें 34 जवान सवार थे।
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दो छोटे बच्चे हैं विजय कुमार के
विजय कुमार पुत्र बाबूराम शर्मा शिमला ग्रामीण की ग्राम पंचायत नेहरा की तहसील सुन्नी के गांव डिमणी के रहने वाले थे। विजय के परिवार वालों को जैसे ही उनकी शहादत की खबर मिली, घर में मातम पसर गया। बलिदानी विजय कुमार के घर में उनके माता-पिता, पत्नी व दो बच्चे हैं। उनका बड़ा बेटा 6 साल का है, जबकि छोटा बेटा महज डेढ़ साल का है।
सेना में कई मेडल जीते
विजय कुमार ने दाड़गी स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए थे। विजय बेहद ही गरीब परिवार से संबंध रखते थे। खेल में वह शुरू से ही अव्वल थे। स्कूल में राज्य स्तर पर उन्होंने कबड्डी व खो-खो खेला। सेना में भी कई मेडल इन्होंने खेल में जीते।