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हिमाचल में अगले दो दिन रौद्र रूप दिखाएगा मौसम, जाने प्रदेश भर के मौसम का हाल
शिमला। हिमाचल में बीते कल हुई भारी बारिश (Rain) से बिगड़े हालात के बाद आज मंगलवार को मौसम के तेवर कुछ नरम दिखे। हालांकि, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आज भी बारिश जरूर हुई है। राजधानी शिमला (Shimla) में दिन भर मौसम मिलाजुला बना रहा और बारिश भी दर्ज की गई। वहीं कांगड़ा जिला में भी बारिश हुई है। इसी बीच मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Meteorological Center Shimla ) ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में अगले 36 घंटों में मौसम कहर बरपा सकता है। कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है।
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विभाग ने प्रदेश के 10 जिलों में भारी वर्षा का येलो व ऑरेंज अलर्ट (yellow and orange alert) जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि प्रदेश के मैदानी व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में 17 जुलाई तक भारी बारिश होने की आशंका है, जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य में 17 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दिन मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर,कांगड़ा, चंबा और मंडी जिलों में आगामी 36 से 48 घंटों में भारी बारिश का अनुमान है। इसी तरह पूरे प्रदेश में 19 जुलाई तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। कुछ इलाकों में अगर तेज बारिश हुई तो नदी.नालों के स्तर में बढ़ोत्तरी होगी और भू.स्खलन की आशंका है।
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प्रदेश की 110 सड़कें बंद
प्रदेश में सोमवार को हुई बारिश के बाद मंगलवार को एक नेशनल हाइवे सहित 110 सड़कों (NH) पर यातायात ठप रहा। 266 बिजली ट्रांसफार्मर (Power Transformer) और 211 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में अभी भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। सोमवार रात को रोहतांग सहित लाहुल की ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। मंगलवार को प्रदेश में मौसम साफ रहा। भूस्खलन (Landslide) और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने का फैसला लिया है। पांगी-किलाड़-मनाली रोड पर मडग्रां के पास अवरुद्ध सड़क मंगलवार को भी बंद रही। कुल्लू जिले में 10, सिरमौर में 43 सड़कें बंद रहीं। सिरमौर में 26 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। कुल्लू में 36ए नाहन मंडल में चार और राजगढ़ मंडल में आठ ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं।
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मंगलवार को हिमाचल में पांच शव बरामद
हिमाचल में बीते रोज आई आपदा के बाद एनडीआरएफ (NDRF) और प्रशासन ने मंगलवार को मलबे में दबे और पानी में बहे पांच लोगों के शव बरामद किए। कांगड़ा जिले में सोमवार को भारी बारिश के कारण हुई तबाही के बाद एनडीआरएफ ने दूसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान चलाया। शाहपुर उपमंडल की बोह घाटी के रुमेहड़ गांव में मलबे से तीन और शव निकाले गए। एक शव सोमवार को निकाला था। डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल ने बताया कि अभी करीब पांच लोगों के दबे होने की आशंका है। इसके साथ ही बीते रोज करेरी नदी में बहे युवक का शव (Dead Body) मंगलवार को बरामद कर लिया है। रेस्क्यू टीम ने सुबह से तलाश अभियान जारी रखा था। शाम लगभग 5 बजे के करीब पानी से यह शव निकाला गया। इसी तरह से पर्यटन नगरी मनाली के हामटा डैम साइट में नाले में गिरने से लापता हुई एमबीबीएस की छात्रा का शव बरामद कर लिया गया हैए वहीं लाहल के उदयपुर में चंद्रभागा नदी में गिरी गाड़ी में सवार मुख्याध्यापक का शव भी 22 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला। सिरमौर में पांवटा साहब के तहत बांगरन गांव के पास गिरि नदी में बने टापू में फंसे छह लोगों को प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया।
किन्नर कैलाश यात्रा पर रोक
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला प्रशासन ने धार्मिक किन्नर कैलाश यात्रा (Kinnar Kailash Yatra) पर इस वर्ष भी प्रतिबंध लगा दिया है। जिले की पंचायतों के आग्रह और कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। यह निर्णय मंगलवार को डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। इस बैठक में प्रशासन के अधिकारियों सहित ग्राम पंचायतों और विभिन्न मंदिर समितियों के पदाधिकारी मौजूद रहे। हालांकिए इस फैसले से हजारों शिव भक्तों की आस्था को ठेस पहुंची है। बैठक में जन प्रतिनिधियों ने आग्रह किया कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष भी किन्नर कैलाश यात्रा पूर्ण रूप से रद्द की जाए। किन्नर कैलाश यात्रा के मुख्य मार्गों पर पुलिस और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जाए, जिससे कोई भी श्रद्धालु और तीर्थ यात्री चोरी-छिपे यात्रा पर न जा सकें। उपायुक्त ने पुलिस और होमगार्ड प्रशासन को निर्देश दिए कि किन्नर कैलाश
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