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रामनवमी पर 10 वर्ष बाद बना रवि पुष्य योग, खरीददारी के लिए अबूझ मुहूर्त
Last Updated on April 10, 2022 by saroj patrwal
धार्मिक पुराणों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम ने माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है। भगवान श्री राम का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में हुआ था। हिंदू धर्म में राम नवमी पर्व का खास महत्व है। इस साल इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि इस साल ग्रहों- नक्षत्रों का बेहद शुभ योग बनने जा रहा है। जिसमें प्रॉपर्टी, वाहन और नई चीजें खरीदने से गुडलक आ सकता है। ज्योतिष के मुताबिक, देवी आराधना के नौ दिनों के दौरान की गई खरीदारी से सुख- समृद्धि बढ़ती है।
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इस बार चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन यानी रामनवमी पर रवि पुष्य योग बनेगा। इससे पहले ऐसा शुभ संयोग 1 अप्रैल 2012 को बना था। जब रवि पुष्य योग पर चैत्र नवरात्र खत्म हुए थे। 10 अप्रैल, रविवार को सूर्योदय के साथ पुष्य नक्षत्र शुरू होगा। इस वर्ष कुल चार रवि पुष्य होंगे, लेकिन 24 घंटे की अवधि सिर्फ रामनवमी वाले रवि पुष्य योग की होगी। खरीदारी के लिए इसे अबूझ मुहूर्त भी माना जा रहा है। जिसमें किसी भी चीज को खरीदा जा सकता है।चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा, अष्टमी और नवमी तिथि किसी नए काम की शुरुआत या बिक्री-खरीदारी के लिए बहुत शुभ है। इन तिथियों पर किए गए शुभ कार्यों का लाभ इंसान को लंबे समय तक प्राप्त होता है। साथ ही काम में सिद्धी भी प्राप्त होती है।
राम नवमी पूजा विधि
- इस पावन दिन शुभ जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें। अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें। भगवान को फल भी अर्पित करें।
- अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
- इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें। आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।
भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं। राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं।