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Himachal: बिना कोरोना टीकाकरण के स्कूलों में अध्यापकों का प्रवेश हो वर्जित
Last Updated on April 27, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। राजधानी शिमला (Shimla) में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ (Himachal Pradesh Teacher Federation) के बैनर तले एक प्रेसवार्ता (Press Conference) का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में शिक्षक महासंघ की तरफ से ऑनलाइन (Online) पढ़ाई शुरू करने, कोरोना (Corona) से निपटने के लिए टीकाकरण (Vaccination) को प्रोत्साहन देने के लिए बिना टीकाकरण के स्कूलों में अध्यापकों के प्रवेश वर्जित करने के साथ ही 1 मई के बाद रोटेशन के आधार पर अध्यापकों को स्कूलों में बुलाने संबंधी सुझाव भी रखे गए। प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा द्वारा शिक्षकों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को उठाया गया। उन्होंने कहा कि नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) को लेकर कर्मचारी असुरक्षा की भावना में जी रहे हैं। इस संबंध में सरकार द्वारा बड़ी पहल करके राहत प्रदान की जानी चाहिए। पेंशन योजना को लेकर सरकार द्वारा एक सम्मानजनक सुरक्षित पैमाना निश्चित किया जाना चाहिए। इस विषय पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur)ने समिति बना कर प्रदेश भर के कर्मचारियों को पेंशन पर राहत देने का आश्वासन दिया और बहुत जल्दी इस विषय पर फैसला करेंगे।
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महासंघ की कई मांगों को सरकार ने किया पूरा
उन्होंने कहा कि महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर 20 अप्रैल को शिक्षा निदेशकों के साथ बैठक हुई। पुरानी पेंशन (Old Pension) बहाली के साथ अन्य मांगों के संबंध में 21 अप्रैल को शिक्षा मंत्री के साथ विधिवत बैठक के बाद 23 अप्रैल को सीएम जयराम ठाकुर के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। इसी कड़ी में 2 जनवरी 2018 तत्कालीन शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) को 42 सूत्रीय मांग पत्र पर हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की बैठक सचिवालय में बैठक हुई और 20 जनवरी 2019 को में हुए हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए सीएम जयराम ठाकुर द्वारा घोषित महासंघ द्वारा उठाई गई कई मांगों को पूरा कर दिया गया है, जबकि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सीएम द्वारा जल्द कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया गया है।
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कंप्यूटर शिक्षकों के लिए बने तर्कसंगत नीति, शिक्षा विभाग में हों समायोजित
उन्होंने मांग की है कि 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी (TGT) को मुख्याध्यापक और प्रवक्ता पदोन्नति की दोनों ऑप्शन बहाल किए जाएं। नहीं तो इस संबंध में प्रवक्ता से प्रधानाचार्य पदोन्नति का कोटा बढ़ाकर 75:25 किया जाए। इन प्रमुख मांगों के साथ योग्यता पूरी करने वाले शास्त्री और भाषा अध्यापकों (Language Teachers) को जल्द टीजीटी का दर्जा प्रदान करने, डाइटों में कार्य कर रहे सभी शिक्षक प्रवक्ता होने की एवज में डाइट (DIET) का नियंत्रण उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन करने, प्रवक्ता स्कूल न्यू की जगह सीधे रूप से प्रवक्ता शब्द बहाल करने, लंबे समय से काम कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों (Computer Teacher) के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर शिक्षा विभाग में समायोजित करने, नए वेतन वेतनमान की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने के साथ जल्द प्रधानाचार्यों की पदोन्नति करने की मांग उठाई गई है। प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, राज्य महामंत्री विनोद सूद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयशंकर, उपाध्यक्ष डॉ. मामराज पुंडीर, भीष्म सिंह, यशवंत शर्मा और राजेंद्र कृष्ण सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।