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हिमाचल: पंचतत्व में विलीन हुए संत बाबा इकबाल सिंह, दरबार साहिब में रखा जाएगा अस्थि कलश
Last Updated on January 31, 2022 by admin
नाहन। हिमाचल के सिरमौर (Sirmaur) जिला में बीते रोज 96 साल की उम्र में पदमश्री संत बाबा इकबाल सिंह (Sant Baba Iqbal Singh) जी का निधन हो गया। आज यानी रविवार को उनकी तपोस्थली बडू साहिब (Badu Sahib) में उनका अंतिम संस्कार किया गया। आज संत बाबा इकबाल सिंह दिव्य ज्योति में विलीन हो गए। उनके अंतिम संस्कार में दि कलगीधर ट्रस्ट के महासचिव एवं ईटरनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डाण् देवेंद्र सिंह व उनके साथ मुख्य सेवादार जगजीत सिंह उर्फ काकावीर सिंह ने बाबा जी को मुखाग्नि दी। वहीं मुख्य सेवादार काकावीर सिंह ने बताया कि बाबा इकबाल सिंह की अस्थियों को विसर्जित नहीं किया जाएगा। उन्हें गुरुद्वारा बडू साहिब में यादगार के तौर पर कलश में रखा जाएगा। बेशक ही बाबा का जन्म पंजाब में हुआ होए लेकिन उनकी तपोस्थली व कर्मभूमि केवल बडू साहिब ही रही।
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उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार (Cremated) के बाद ट्रस्ट के सभी सदस्यों की सहमति से डाक्टर देवेंद्र सिंह को बाबा इकबाल सिंह का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। रविवार को बडू साहिब में बाबा जी के पार्थिव शरीर को हाल में दर्शन के लिए रखा गया था, जिसके बाद दो बजे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। जहां पर देश.विदेश से 12,000 से अधिक लोगों ने बाबा को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार से पहले अंतिम अरदास का आयोजन किया गया तथा संस्कार के बाद कीर्तन भी आयोजित किया गया। ऐसा बताया जाता है कि संत तेजा सिंह महाराज को स्वप्न में बडू साहिब में शिक्षा का विस्तार करने के आदेश मिले थे, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने बाबा इकबाल सिंह को सौंपी थी। अंतिम सांस तक बाबा इकबाल सिंह मानवता की सेवा के साथ-साथ गांव स्तर की शिक्षा के प्रयास में लगे रहे। सोमवार को एक युग का अंत हुआ है। कलगीधर ट्रस्ट का ये भी कहना है कि महापुरुषों की अस्थियां विसर्जित नहीं की जाती, उन्हें यादगार स्वरूप स्थापित किया जाता है।
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