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हिमाचल की अदालत का बड़ा फैसला, मासूम से दरिंदगी करने वाले हैवान को सजा-ए-मौत
सोलन। हिमाचल के सोलन (Solan) जिला में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा-ए-मौत (Death Sentence) का फैसला सुनाया है। यह फैसला सोलन में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया है। अदालत ने दोषी को आईपीसी की धारा 302 के तहत 25000 का जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 6 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। बता दें कि आरोपी ने 20 फरवरी 2017 को एक 7 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। आरोपी ने पहले मासूम बच्ची के साथ दुराचार (Rape) किया और उसके बाद मासूम की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। यही नहीं दरिंदे ने मासूम बच्ची से दुराचार के दौरान तमाम हदों को लांघ दिया था। दरिंदगी की इंतहा इस कद्र थी कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाल दिया था। ये वारदात बद्दी पुलिस थाना के तहत 21 फरवरी 2017 को सामने आई थी।
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मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस जघन्य अपराध को रेयर ऑफ रेयरेस्ट नेचर करार देते हुए वारदात में दोषी पाए गए उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला के रहने वाले आकाश को सजा-ए-मौत के आदेश जारी किए। अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि अपराध की ये घटना असाधारण है। इसमें आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त होगी। जिला न्यायवादी एमके शर्मा के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीयूष कपिला द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया था। इसमें बच्ची की हत्या गला घोंटकर की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के दौरान ही दरिंदगी से दुराचार के बाद हत्या की तस्दीक हो गई थी।
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आरोपी को इन धाराओं में हुई सजा
इस अपराध की जांच को सब इंस्पेक्टर बहादुर सिंह द्वारा किया गया था, जो इस समय सीआईडी शिमला में तैनात हैं। अदालत ने दोषी पाए गए आकाश को आईपीसी की धारा 302 के तहत 25000 का जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 6 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पोक्सो एक्ट की धारा-6 व आईपीसी की धारा-376 के तहत दोषी को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 6 माह साधारण कारावास भुगतना होगा।
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पीड़ित बच्ची के परिजनों को साढ़े 12 लाख कंपनसेशन
अदालत ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता को 12 लाख 50 हजार रुपए का कंपनसेशन अदा करने के भी आदेश जारी किए हैं। बता दें कि अदालत द्वारा जारी फांसी की सजा के आदेश की कन्फर्मेशन उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी। मामले की पैरवी विशेष सरकारी अभियोजक सुनील दत्त वासुदेवा द्वारा की गई। बता दें कि प्रवासी दंपत्ति की बेटी 20 फरवरी, 2017 को लापता हुई थी। परिजनों को ही दोषी के बच्ची के साथ होने की सूचना मिली थी। दोषी पाए गए आकाश की निशानदेही पर ही बच्ची का शव जंगल से बरामद किया गया था।
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