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नई दिल्ली। अंततः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज (McLeodganj) स्थित बस अड्डे की आड़ में बने होटल-रेस्तरां (Hotel-Restaurant) को अवैध मानते हुए, एक माह के भीतर तोड़ने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल विकास प्राधिकरण की अपील खारिज करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) के फैसले पर अपनी मुहर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा व इंदिरा बनर्जी की तीन सदस्सीय बेंच ने हिमाचल प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन और विकास प्राधिकरण द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि होटल-रेस्तरां तोड़ने (Demolition) की प्रक्रिया दो सप्ताह के भीतर शुरू की जाए और ये कार्रवाई एक माह के भीतर पूरी की जाए। आदेश में ये भी कहा गया है कि इस भूमि का इस्तेमाल केवल कार, बस पार्किंग के लिए ही करना होगा। संबंधित मामले में एनजीटी (NGT) ने प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह 15 लाख रूपए मुआवजा (Compensation) भी दे, साथ ही प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश भी दिया था। इस होटल का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP Mode) पर किया गया था। आरोप था कि कांग्रेस सरकार निर्माण करने वाली कंपनी पर पूरी तरह से मेहरबान रही।
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