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रद्द किए गए 6 लाख लोगों के आधार कार्ड, यहां जानें पूरा मामला
हमारे देश में आधार कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है। भारत में किसी भी तरह की सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड एक अनिवार्य दस्तावेज है। ऐसे में आजकल डुप्लीकेट आधार या कहे नकली आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जुड़े कई मामले सामने आ रहे हैं। इसी के चलते आधार बनाने वाली संस्था यूआईडीएआई ने ऐसे आधार कार्ड्स को रद्द करना शुरू कर दिया है।
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गौरतलब है कि अभी तक आधार कार्ड की वेरिफिकेशन फिंगरप्रिंट और आईरिस की मदद से होती थी। जबकि, अब जल्द चेहरे को आधार वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, यूआईडीएआई (UIDAI) ने अब तक करीब 6 लाख नकली आधार कार्ड रद्द कर दिए हैं। साथ ही 11 फेक आधार बनाने वाली वेबसाइट्स को भी बैन किया है।
इस बात की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में डुप्लीकेट आधार कार्ड (Duplicate Aadhaar Card) रद्द करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूआईडीएआई द्वारा डुप्लिकेट आधार के मुद्दे को हल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड में एक एक्स्ट्रा वेरिफिकेशन फीचर जोड़ा गया है, जिसमें चेहरे को आधार वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यूआईडीएआई ने फेक वेबसाइट्स को नोटिस भेज दिया है और तत्काल प्रभाव से इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए होस्ट करने के लिए भी नोटिस दिया है। उन्होंने बताया कि इसी साल जनवरी महीने से ऐसी 11 वेबसाइट्स को बैन कर दिया गया है। इन वेबसाइट्स के पास निवासी का नामांकन करने और बायोमेट्रिक जानकारी को संशोधित करने में निवासी के मोबाइल नंबर को जोड़ने का अधिकार नहीं है।