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दलाई लामा ने राष्ट्रपति मुर्मू को जन्मदिन की बधाई देते हुए कह दी बड़ी बात
धर्मशाला। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (The Dalai Lama) ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India Draupadi Murmu) को उनके 65वें जन्मदिन पर बधाई देते हुए अपने पत्र में लिखा है कि वह राष्ट्रपति के अच्छे स्वास्थ्य और देश के नेतृत्व में सफलता की कामना करते हैं। आप ऐसे देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जहां दुर्गम गांव के किसी व्यक्ति को देश का प्रमुख बनने का अवसर मिलता है। उन्होंने आगे लिखा कि भारत ‘करुणा’ और ‘अहिंसा’ की अपनी पुरानी परंपराओं के साथ दूसरों के लिए एक आदर्श बना हुआ है।
… तब तक तिब्बत रहा अंधेरे में
भारत एक ऐसा देश है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग शांति और सद्भाव में एक साथ रहते हैं। लोकतंत्र, कानून का शासन और स्वतंत्रता इन सदियों पुराने मूल्यों और परंपराओं के कारण भारत में फलते-फूलते हैं। तिब्बती समुदाय के लोग भारत का विशेष सम्मान करते हैं। दलाईलामा ने लिखा है कि आठवीं शताब्दी के बाद से नालंदा विश्वविद्यालय की परंपराओं का तिब्बती समुदाय (Tibetan Community) के विकास पर शक्तिशाली प्रभाव पड़ा। तिब्बत के ही एक महान विद्वान ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि बर्फ की भूमि होने के बावजूद जब तक भारत का प्रकाश तिब्बत में नहीं लाया गया, तब तक यह अंधेरे में रहा। दलाईलामा कहते हैं कि आज दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में मुझे लगता है कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसमें सामान्य भलाई के लिए प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने की क्षमता है। इसलिए मैं मानता हूं कि दुनियाभर के युवाओं में भारत की ऐतिहासिक समझ को प्रोत्साहित करना चाहिए। दलाईलामा ने कहा कि यह साल निर्वासित तिब्बत का 64वां वर्ष है। तिब्बत के प्रति भारत सरकार और लोगों की दयालुता और उदारता के हम देश के सदैव आभारी हैं। तिब्बती लोग भारत की ताकत और उभरते हुए नेतृत्व के प्रति गर्व महसूस करते हैं।
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