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DSP और ABVP कार्यकर्ता उलझे, हाथापाई तक पहुंची नौबत- देखें वीडियो
Clash: ऊना। जिला मुख्यालय के मिनी सचिवालय परिसर में शनिवार को विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं और डीएसपी हेड क्वार्टर अजय ठाकुर (DSP Head Quarter Ajay Thakur) के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई की नौबत हाथापाई तक जा पहुंची। दरअसल, शुक्रवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं (ABVP workers) ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख का डीसी कार्यालय में पुतला फूंकते हुए पश्चिम बंगाल में महिलाओं के प्रति हुए अत्याचार पर विरोध दर्ज करवाया था। हालांकि एबीवीपी कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप है कि डीसी कार्यालय (DC office) में पुतला फूंकने के मामले पर उन्होंने अधिकारियों के समक्ष माफी भी मांगी थी और अधिकारियों ने इस मामले पर लिखित माफीनामा देने को कहा था। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डीएसपी हेड क्वार्टर अजय ठाकुर ने राजनीतिक दबाव के चलते माफीनामे के बावजूद उनके खिलाफ पुतला फूंकने के मामले पर केस दर्ज करवा दिया है।
दोनों ही पक्षों में तनातनी बढ़ी
डीएसपी के इसी व्यवहार के खिलाफ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता शनिवार को एक बार फिर अपनी मांग पुलिस प्रशासन के समक्ष रखने के लिए डीसी कार्यालय आ पहुंचे। इसी बीच डीएसपी अजय ठाकुर भी एबीवीपी के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के लिए नीचे आ गए। इसके बाद दर्ज किए गए केस को लेकर दोनों ही पक्षों में तनातनी इतनी बढ़ गई की एक वक्त नौबत हाथापाई तक आ गई।
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कांग्रेस पार्टी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप
मिनी सचिवालय में किसी निजी काम से पहुंचे बीजेपी जिला मीडिया प्रभारी विनय शर्मा ने भी इस मामले को लेकर युवाओं का साथ दिया और पुलिस प्रशासन पर कांग्रेस पार्टी के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जहां एक तरफ शेख शाहजहां का पुतला फूंका वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी विधायकों के पुतले फूके हैं लेकिन कैसे केवल मात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया है और DSP अजय ठाकुर राजनीतिक दबाव के चलते इस कार्रवाई को अमल में ला रहे हैं जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
आगजनी की घटना हो सकती थी
दूसरी तरफ डीएसपी अजय ठाकुर का कहना है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा डीसी कार्यालय परिसर के समीप पुतला फूंका गया था जिससे कोई भी आगजनी की घटना हो सकती थी। और इस घटना में कार्यालय परिसर में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों की जान थी खतरे में आ सकती थी। इसी के चलते इन कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने केस दायर किया है।
-सुनैना जसवाल