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भिक्षु जमयांग का चमत्कार-भीख के कटोरे की जगह कलम पकड़ाकर झुग्गी के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया
Miracle Of Dharamshala Monk Jamyang : धर्मशाला। शिक्षा की मशाल से कांगड़ा घाटी की झुग्गी- झोपड़ियों के बच्चों की किस्मत रोशन करने वाले टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट (Tonglen Charitable Trust) के 20वें स्थापना दिवस समारोह में 19 नवंबर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मुख्य अतिथि होंगे। कभी सड़कों पर भीख मांगने और कूड़ा बीनने वाले बच्चे तिब्बती शरणार्थी बौद्ध भिक्षु जामयांग द्वारा वर्ष 2004 में स्थापित टोंगलेन ट्रस्ट के माध्यम से अब डॉक्टर, इंजीनियर, होटल मैनेजर, पत्रकार और चित्रकार भी बन रहे हैं। झुग्गी बस्ती से निकालकर सैकड़ों बच्चों को भिक्षु ने आत्मनिर्भर बना दिया। यही नहीं, टोंगलेन ट्रस्ट ने झुग्गी बस्तियों के हजारों लोगों तक निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं भी पहुंचाई।
धर्मशाला (Dharamshala) के चरान खड्ड क्षेत्र में अत्यंत गंदी झुग्गी बस्ती के बच्चों के हाथों से भीख का कटोरा व कूड़े का बोरा लेकर उन्हें कलम और किताबों का बस्ता थमाने वाले (Tibetan Refugee Monks) तिब्बती शरणार्थी भिक्षु जामयांग (Jamyang) का जुनून अब परिणाम दे रहा है। बच्चों की सफलता की कहानियां चर्चा का विषय बन रही हैं। भिक्षु जामयांग ने सबसे पहले वर्ष 2004 में चरान खड्ड की झुग्गी बस्ती में ट्यूशन टेंट शुरू किया जिनमें बच्चों को स्वच्छता और एक जगह टिक कर बैठने का अभ्यास कराया जाता था। उसके बाद डिपो बाजार में दो फ्लैट किराए पर लेकर बालक और बालिकाओं के लिए हॉस्टल शुरू किया। जब धर्मशाला के निजी स्कूल गंदी झुग्गी बस्ती के बच्चों को दाखिला देने से इनकार कर रहे थे, भिक्षु ने हार नहीं मानी। फिर दयानंद मॉडल स्कूल की प्रिंसिपल ने उन बच्चों के लिए अपने दरवाजे खोले। वहां बच्चों ने पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अन्य गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने पूर्व CM शांता कुमार के साथ वर्ष 2011 में गांव सराह में टोंगलेन ट्रस्ट के अत्याधुनिक स्कूल और हॉस्टल का उद्घाटन किया था। यह स्कूल दसवीं तक झुग्गी झोपड़ी के बच्चों को आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्ता युक्त शिक्षा मुफ्त उपलब्ध कराता है। इसके अलावा झुग्गी बस्तियों से बच्चों को स्कूल लाने के लिए बसों की व्यवस्था है। भिक्षु के आशीर्वाद से भीख मांगने और कूड़ा बीनने वाले बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर समाज में प्रतिष्ठित स्थान बना रहे हैं। हाल ही में पिंकी नामक बच्ची एमबीबीएस को उत्तीर्ण कर डॉक्टर बन गई है जो 20 साल पहले मैक्लोडगंज में अपनी मां के साथ भीख मांगती थी।
टोंगलेन ट्रस्ट ने गरीब परिवारों के बेरोजगारों को हुनर सीखने के लिए इलेक्ट्रिशियन, टेलरिंग और ड्राइविंग जैसे कोर्स भी शुरू किए हैं ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें। धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में अनेक झुग्गी निवासियों को ट्रस्ट की वित्तीय मदद से सरकारी योजना के अंतर्गत मकान भी मिला है। अभी हाल ही में CM ने टोंगलेन ट्रस्ट की आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मोबाइल क्लीनिक बस का उद्घाटन किया था। इसमें सभी प्रकार के टेस्ट और एक्स-रे समेत इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध है। पहले से चल रहे अपने स्थाई क्लिनिको और मोबाइल क्लीनिक के माध्यम से टोंगलेन ट्रस्ट हर वर्ष 20 हजार गरीब लोगों तक निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं पंहुचाएगा। पिछले 20 वर्षों की यात्रा में टोंगलेन ट्रस्ट ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन भिक्षु और समाज के प्रति समर्पित उनकी पूरी टीम ने हर नहीं मानी। इसी का परिणाम अब बच्चों की सफलताओं के रूप में सामने आ रहा है।
-मनोज ठाकुर