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शिमला। हिमाचल में आज तीन शिक्षाविदों को शिक्षा भूषण पुरस्कार (Shiksha Bhushan Award) से सम्मानित किया गया। इस समारोह में सीएम जयराम ठाकुर ने भी शिरकत की और माननीयों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सीएम जयराम ने कहा कि शिक्षा व शिक्षण की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जिसमें हमारी भावी पीढ़ियों को अपनी संस्कृति, संस्कारों, सभ्यता व जीवन मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले। उन्होंने यह बात यहां अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शिक्षक सम्मान समारोह शिक्षा भूषण के दौरान कही। इस अवसर पर जयराम ठाकुर और धार्मिक गुरु ज्ञानानंद महाराज ने संयुक्त रूप से तीन शिक्षाविदों प्रो. कपिल कपूर, डॉ. बद्री प्रसाद पंचोली और रेनु दांडेकर को शिक्षा भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर सीएम जयराम (CM Jai Ram Thakur) ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता एवं समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाते हैं जो आदर्श नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने शिक्षक सम्मान समारोह के आयोजन के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की सराहना करते हुए कहा कि महासंघ शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के साथ.साथ अपने सांस्कृतिक मूल्यों और संस्कारों को संजो कर फिर से विश्व गुरु के अपने स्वरूप को प्राप्त करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। इससे पहले सीएम जयराम ने प्रदेश सरकार की विकासात्मक योजनाओं व कार्यक्रमों पर आधारित विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर भागवत गीता पर अपने शोध के लिए प्रतिष्ठित ज्ञानानंद महाराज ने सभी से आध्यात्मिक और नैतिक विकास के लिए वर्तमान में जीने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रायोजन राष्ट्रहित में होना चाहिए।
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